सॉफ्टवेर के जरिये अपराध नियंत्रण की बिहार पुलिस की तैयारी.
सिटी पोस्ट लाइव : अब बिहार पुलिस अपराध नियंत्रण को लेकर विशेष तैयारी कर रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) राज्य में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) पर काम शुरू कर चूका है.पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी के अनुसार सीसीटीएनएस (CCTNS) परियोजना इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का वह हिस्सा है, जिसके तहत न्यायालय, थाना अभियोजन और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (Forensic Science Laboratory) को एक साथ जोड़ा जाएगा. इस योजना के लागू होने के बाद बिहार के सभी थाने देश के अन्य थानों से जुड़ जाएंगे. जबकि एफआईआर (FIR) से लेकर थाने का सभी डाटा दूसरे थाने की पुलिस देख सकेगी. वहीं इससे थाना कोर्ट से भी जुड़ जाएंगे और एफआईआर से लेकर वारंट तक ऑनलाइन हो जाएंगे.
पटना और नालंदा के 20 थानो में इस परियोजना के ट्रायल का काम चल रहा है.पटना के 13 और नालंदा के 7 थाने में ट्रायल चल रहा है.सूत्रों के अनुसार राज्य के 1065 थानों में से 894 में यह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बहुत जल्द शुरू हो जाएगा. दूसरे चरण में बचे हुए सभी थानों को भी इससे जोड़ दिया जाएगा. पहले चरण के 894 थानों और 432 पुलिसकर्मियों के लिए 2018 सितंबर में समझौता किया गया था. जबकि यह काम टीसीएस कंपनी को सौंपा गया है.
यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे शातिर से शातिर अपराधी भी पुलिस की जाल से नहीं बच पायेगें. सीसीटीएनएस परियोजना अपराधियों के लिए काल साबित होगा. इस परियोजना के लागू होन से आम लोगों को कई सहुलियतें मिल सकेंगी वहीँ अपराधियों की चुनौती बढ़ जायेगी.आम लोगों को खोने और लापता चीजों की जानकारी आसानी से मिल जायेगी.चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र लेना आसान हो जाएगा.गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी हासिल करना आसान हो जाएगा.अज्ञात शवों के बारे में जानकारी चुटकी बजाते ही मिल जायेगी और पासपोर्ट वैरिफिकेशन करवाना अब मुश्किल नहीं रहेगा.किरायेदार, वरीय नागरिकों और नौकर का सत्यापन भी इस सॉफ्टवेर के जरिये हो जाएगा..