सिटी पोस्ट लाईव : बिहार में पीडीएस सिस्टम यानी गरीबों को सस्ते दर पर अनाज की कालाबाजारी अब कोई बड़ी खबर नहीं बनती .ये आम शिकायत है .लेकिन जब यह कालाबाजारी नौकरशाही और और अपराधियों के बीच के सांठ गाँठ का जरिया बन जाए ,तो मेरे हिसाब से यह एक बहुत बड़ी खबर बनती है.सिटी पोस्ट लाईव के हाथ नौबतपुर के मार्केटिंग ऑफिसर और एक कुख्यात अपराधी मनोज सिंह के बीच बातचीत का वायरल ऑडियो हाथ लगा है .यह ऑडियो यह साबित करने के लिए काफी है कि गरीबों के लिए शुरू की गई पीडीएस योजना की कालाबाजारी के लिए राज्य में कैसे अधिकारियों और कुख्यात अपराधियों के बीच गठजोड़ हो चूका है . खबर को आगे बढाने से पहले आप कुछ इस वायरल ऑडियो के अंश सून लीजिये —
मनोज सिंह -“ हाँ एम्.ओ . साहब कैसे क्या हुआ ? मुना अभय क्या बोल रहा है, अब काम नहीं करेगा .
एम् .ओ –जी बोल रहा है, अब नहीं करेगें .
मनोज –हमारे पास बहुत आदमी है,काम करेगा .ठीक है अच्छी बात है .आपका जो कमीशन बनता है,उसमे हम कोई त्रुटी नहीं करेगें .जहाँ जो कमीशन आपके माध्यम से बना हुआ है ,आपके माध्यम से ,उसमे कोई कमी नहीं होगा .आप सब डीलर का सूची मुझे दे दीजिये.सब डीलर को खबर कर दीजिये कि अब मुना को कलेक्शन नहीं देना है .हम बताएगें उसके अनुसार कलेक्शन होगा.इतना तो आप कर सकते हाँ ना.
एम् .ओ.-हाँ हाँ कर सकते हैं.
मनोज सिंह- अच्छा तो अब बता दीजिये किसको कितना जाता है कमीशन ?
एम्.ओ.-ऐ.डी.एस. को 25 ,एसडीओ को 50 और जिला को 25 जाता है .
मनोज सिंह –मोटा मोटी एक लाख.ठीक है .आप ख़ुशी से कमाइए सर .हमारा आपसे कोई विवाद नहीं है .हमको मुना से दिक्कत है .आप ऊपर मैनेज करके रखिये ,जो बता दीजियेगा मिल जाएगा .आपको अलग से मिल जायगा ,ऊपर के साहब का मिल जाएगा ,जो बचेगा दो चार पैसा हम रख लेगें .
एम्.ओ –न ठीक है,कोई दिक्कत नहीं है .”
कुख्यात मनोज सिंह और नौबतपुर एम् .ओ .( मार्केटिंग ऑफिसर ) के बीच की ये बातचीत क्या काफी नहीं है ये साबित करने के लिए कि बिहार में अब अपराधियों के साथ अधिकारियों की डील होने लगी है.ये डील है गरीबों के मुंह के निवाले को लूट लेने का .ये मनोज सिंह ईस ईलाके का एक कुख्यात अपराधी है.कई संगीन मामलों में पटना पुलिस को उसकी तलाश है .लेकिन ये तो प्रखंड स्तर से लेकर जिला मुख्यालय टेक बाबूओं के सीधे समपर्क में है.उनके साथ सरकारी योजना में लूट का हिस्सेदार बना हुआ है.
सिटी पोस्ट लाईव इस वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता लेकिन जब इस तरह का मामला सामने आया है तो इसे सबके संज्ञान में लाना बेहद जरुरी है ताकि जांच हो और सच्चाई सामने आये.ये कोई मामूली लूट खसोट का मामला भर नहीं है बल्कि सरकारी स्तर पर सरकारी योजनाओं की लूट खसोट में अपराधियों के हिस्सेदार बन जाने का मामला है.