सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर प्रदेश में हुए 15 हजार करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला हो गया है.इस घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरु करते हुए एफआईआर दर्ज कर लिया है. बाइक टैक्सी (Bike Taxi Scam) के लिए हजारों करोड़ रुपये लेकर कंपनी चंपत हो गई है. सीबीआई ने कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी (Sanjay Bhati) और 14 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी. कंपनी ने बाइक बोट नाम से स्कीम की शुरुआत की गई. कंपनी ने निवेशकों को 1,3,5 या फिर 7 बाइकों में निवेश के बाद आकर्षक रिटर्न का ऑफर दिया गया. बताया गया कि बाइक टैक्सी स्कीम है और इसमें पैसे लगाने पर लोगों को बड़ा रिटर्न मिलेगा.
गौरतलब है कि कम समय में ज्यादा कमाई के चक्कर में लोगों ने इस स्कीम को हाथों-हाथ लिया .देखते ही देखते हजारों करोड़ इन्वेस्ट कर दिए. अचानक कंपनी के लोग भूमिगत हो गए. बताया जा रहा है कि संजय भाटी तो देश से फरार हो गया.दरअसल, कंपनी ने अपने निवेशकों को यह ऑफर किया था कि बाइक टैक्सी में इन्वेस्ट करने के बाद हर महीना रिटर्न मिलेगा. साथ ही अगर कोई इन्वेस्टर किसी दूसरे निवेशक को जोड़ता है तो उसे इंसेंटिव भी मिलेगा. कंपनी ने देश के कई शहरों में फ्रेंचाइजी भी बांटनी शुरू कर दी थी. लेकिन हजारों करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट के बाद कोई योजना लागू नहीं हो सकी. कंपनी ने 2017 में यह स्कीम लागू की थी. 2019 तक यह स्कीम खूब चली. देश भर से लाखों लोगों ने कंपनी में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया था.
सीबीआई (CBI) से पहले इस केस में ईडी (ED) ने जांच शुरू की थी. एजेंसी की ओर से कंपनी के प्रमोटरों की 216 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि 2 लाख लोगों से ठगी का यह मामला है. इसके तहत कंपनी ने विज्ञापन जारी करके लोगों से स्कीम में निवेश की अपील की थी. सीबीआई ने अपनी एजेंसी में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठाया है. रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी और एसपी क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपनी शिकायतों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था.
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