सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस में सिपाही बनानेवाले अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है. . परीक्षा में पारदर्शिता लाने और धांधली रोकने के लिए केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने बदलाव किया है. सिपाही भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का अब तीन बार चेहरे और अंगुलियों का बायोमेट्रिक मिलान होगा.पर्षद के अध्यक्ष एसके सिंघल ने के अनुसार परीक्षा में नकल कैसे रोकी जाए और पारदर्शिता कैसे बढ़े, इसको लेकर उत्तर प्रदेश भर्ती बोर्ड के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी. इसमें एक-दूसरे राज्य की बेहतर तकनीकों को अपनाने पर विचार-विमर्श हुआ.
उन्होंने कहा कि अभी तक सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों के सिर्फ अंगूठे के निशान के जरिए बायोमेट्रिक जांच की जाती थी. मगर अब चेहरे की पहचान यानी फेस रिकग्निशन भी किया जाएगा. यह तीन बार होगा. पहली बार लिखित परीक्षा के समय, दूसरी बार पीटी के बाद और फिर अभ्यर्थी के नौकरी ज्वाइन करने के समय.बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षाओं की तरह जैमर और सीसीटीवी कैमरों का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा. अभी प्रतियोगी परीक्षाओं के समय हर कमरे में कम पावर के जैमर का इस्तेमाल किया जाता है, इसके बावजूद कई बार सिग्नल का इस्तेमाल कर गड़बड़ी की जाती है. जैमर और कैमरे का इस्तेमाल कैसे किया जाए कि हर अभ्यर्थी की गतिविधि पर नजर रखी जा सके, इस पर भी काम किया जा रहा है.
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तहत होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर ली जाएगी. केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तहत छह विभागों के सिपाहियों का चयन किया जाता है. राज्य सरकार ने हाल ही में 67 हजार 735 पदों पर पुलिस बहाली की स्वीकृति दी है. इनमें सिपाही एवं समकक्ष के 22 हजार 10 एवं सिपाही चालक के 5500 पद शामिल हैं.इसके अलावा डायल-112 के तहत चालक सिपाही के 2353 और सिपाही के 9992 पद पर नियुक्ति होनी है. इसके लिए अलग-अलग चरण में भर्ती की सूचना निकाली जाएगी. एसके सिंघल ने बताया कि वर्तमान में सबसे पहले मद्य निषेध सिपाहियों के 689 पदों की बहाली प्रक्रिया पूरी की जाएगी.