फर्जी कागजात के सहारे 79 हजार 260 रुपये का रिटर्न क्लेम करने का आरोप भरत शर्मा व्यास पर है. सीओ केस नं 07/05 में आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 के दौरान भरत ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आयकर विभाग से एक लाख तीन हजार रुपये का टीडीएस क्लेम लिया था.
सिटी पोस्ट लाइव ;बिहार के मशहूर लोक गायक भरत शर्मा को फर्जी कागजात के सहारे टीडीएस फाइल करने का दोषी ठहराया है. आयकर विभाग से रिटर्न प्राप्त करने के आर्थिक अपराध के तीन विभिन्न मामलों में भोजपुरी के मशहूर गायक भरत शर्मा व्यास के खिलाफ बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाया तो कला जगत में हडकंप मच गया. अवर न्यायाधीश एम के त्रिपाठी की अदालत ने भरत शर्मा को दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष की कारावास एवं दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुना दी .गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान भरत शर्मा कोर्ट में हाजिर थे.
फर्जी कागजात के सहारे 79 हजार 260 रुपये का रिटर्न क्लेम करने का आरोप भरत शर्मा व्यास पर है. सीओ केस नं 07/05 में आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 के दौरान भरत ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आयकर विभाग से एक लाख तीन हजार रुपये का टीडीएस क्लेम लिया था. जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि भरत ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज के जो कागजात विभाग को सौंपे थे, वह कंपनी द्वारा निर्गत ही नहीं की गई थी.
आयकर अधिकारी शशिरंजन की शिकायत पर भरत शर्मा व्यास के खिलाफ 25 एवं 28 जनवरी 2005 को कुल पांच शिकायतवाद दाखिल किये गए थे. दो मुकदमे में भरत को पूर्व में 27 जनवरी को दो-दो वर्ष की सजा हो चुकी है. शिकायतवाद संख्या 3/05 के मुताबिक वित्तीय वर्ष 1997-1998के दौरान भरत ने फर्जी कागजातों के आधार पर आयकर विभाग से 37 हजार 634 रुपये वापसी का दावा किया था. विभाग ने उन्हें सूद समेत यह राशि वापस की थी.
आयकर विभाग की ओर से अभियोजन का संचालन अधिवक्ता मुख्तार अहमद व जय शंकर केसरी ने किया. गौरतलब है कि इसके पूर्व भरत शर्मा की पत्नी बेबी देवी को निचली अदालत से फर्जी तरीके से रिटर्न क्लेम के मामले में ही सजा हो चुकी है. अपीलीय अदालत ने भी सजा को बरकरार रखा है. फिलवक्त बेबी देवी ने उच्च न्यायालय में राहत की उम्मीद के साथ अपील दायर कर रखा है.