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बेटी के प्यार पर जज ने लगाया कोर्ट का पहरा, हाईकोर्ट ने कहा-बेटी को हाजिर करो

जज साहब को प्रेम प्रसंग का पता चला तो बेटी के प्रेम पर पहरा बिठा दिया ,घर में बंद किया

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सिटी पोस्ट लाईव : सिटी पोस्ट लाईव के रिपोर्ट “ बेटी के प्यार पर कोर्ट का पहरा “ पर संज्ञान लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने खगड़िया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अपनी बेटी के साथ कोर्ट के सामने हाजिर होने का आदेश दे दिया है. गौरतलब है कि बेटी के प्रेम संबंध से नाराज होकर जज पिता ने उसे घर में कैद कर रखा है. गौरतलब कि सिटी पोस्ट लाईव ने  यह खबर “ प्यार पर पहरा “ शीर्षक से प्राकशित किया था .इसी खबर पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सोमवार को मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था.  जज सुभाष चंद्र चौरसिया की बेटी यशस्विनी पटना के चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से स्नातक है. उसका सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ बंसल से वर्ष 2012 से प्रेम प्रसंग चल रहा है. जब इस बात की खबर लड़की के परिजनों को लगी, तो उन्होंने खगड़िया स्थित आवास पर ही उसे बंधक बना लिया.

अपनी 24 वर्षीय बेटी को बंधक बनाए जाने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने पटना के एसएसपी को सीधी कार्रवाई करते हुए बंधक बनायी गयी लड़की को मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश के चैंबर में हाजिर करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि यदि जरूरत हो तो पीड़िता के अभिभावकों को भी उपस्थित करें.मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद  एसएसपी पटना को 2 महिला अधिकारी के साथ एक टीम गठित कर खगड़िया भेजने का निर्देश दिया. मामले पर अगली सुनवाई पुनः मंगलवार को आएगी. अनृकृति जयपुरियार को कोर्ट का सहयोगी नियुक्त किया गया है.

प्रेमी सिद्धार्थ बंसल अपने एक सीनियर साथी के साथ खगड़िया स्थित लड़की के आवास पर भी मिलने  गया लेकिन  वहां लड़की के पिता ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि पहले आईऐएस या आईपीएस या जज बनकर दिखाओ तभी शादी की सोंचना .बंसल ने इस मामले की शिकायत डीजीपी केएस द्विवेदी से भी की थी . बंसल की शिकायत पर डीजीपी ने खगड़िया की एसपी को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा था. लेकिन एसपी साहिब मिलने गई और वहां ये भी देखा कि प्रेम पर कैसे जज साहब का पहरा लगा है ,फिर भी कुछ नहीं किया .

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