रिटायरमेंट से पहले सिविल सर्जन ने बेटे को किया मलामाल.

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सिटी पोस्ट लाइव : पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है. उन्होंने अपनी जांच में पाया कि सिविल सर्जन ने अपने बेटे, पत्नी, बहू समेत कई रिश्तेदारों के नाम से कंपनी बनाकर उन्हें स्वास्थ्य विभाग में कई चीजों का टेंडर दे दिया.उनकी कंपनी से ही लाखों रुपए की दवा- उपस्कर की खरीदारी करवा ली.

प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने इस मामले में कहा कि 21 सितंबर को वह स्वास्थ्य विभाग की जांच के लिए सिविल सर्जन कार्यालय गए हुए थे.वहां उसने कई दस्तावेजों की जांच की. इसी दौरान दवाई खरीदारी और बाइक एंबुलेंस से संबंधित निविदा की जांच की गई तो पाया कि सिविल सर्जन के पुत्र अमन वर्मा के नाम से बनाई गई एक कंपनी क्लोरिश डाटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बाइक एंबुलेंस की ट्रॉली खरीदने और मेंटेनेंस का ठेका दिया गया. इस संविदा में मात्र दो ही कंपनियां शामिल हुई थीं. इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने अपनी पत्नी, बहू समेत कई रिश्तेदारों के नाम से कंपनी बनाकर स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की है.

आयुक्त ने कहा कि उन्होंने डीएम को तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर सिविल सर्जन कार्यालय में हुए वित्तीय अनियमितता की जांच कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है. अगर जांच में गड़बड़ी पाई गई तो उसमें कार्रवाई और प्राथमिकी भी हो सकती है. जानकारी के अनुसार इसके अलावा प्रीति इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी को बाढ़ के समय भारी मात्रा में लाइम पाउडर और हैलोजन टेबलेट खरीदने का ठेका दिया गया था. यह कंपनी भी सर्जन के रिश्तेदार की बताई जा रही है. सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. बहरहाल देखना है कि जांच के बाद क्या मामला सामने आता है.

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