राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा तीन अन्य सदस्यों के साथ मुजफ्फरपुर पहुंचीं. प्रशासन के साथ बैठक करके पूरे हालात का जायजा लिया. दिलमणी मिश्रा नें कहा कि बालिका गृह में गलत काम किया जाता था.
सिटी पोस्ट लाईव :बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस नें आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत सात महिला कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है . ये सभी है बालिका गृह के संचालन में लगे थे. इस घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा तीन अन्य सदस्यों के साथ मुजफ्फरपुर पहुंचीं. प्रशासन के साथ बैठक करके पूरे हालात का जायजा लिया. दिलमणी मिश्रा नें कहा कि बालिका गृह में गलत काम किया जाता था. इधर सिटी एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा नें गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस की जांच में बालिकाओं के यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है.
एसपी सिटी ने यह भी बताया कि कि ब्रजेश ठाकुर की संलिप्तता इस कांड में उजागर हुई है, जिसके आधार पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह ने स्थानीय जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिले में तैनात सामाजिक सुरक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही से यह कलंकित करने वाला अपराध हुआ. उन्होनें आश्चर्य जताया कि मुंबई की संस्था नें जो खुलासा कर दिया उसे यहां के अधिकारी दबा रहे थे. इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है जो संस्था का सुपरवीजन करते थे.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं ने अपने ही संस्थान के लोगों पर यौन शोषण और हिंसा का आरोप लगाया था. इस बात का खुलासा मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में किया गया था. इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के कर्ता धर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया गया था.