:संत के नाम कलंक था आशाराम .ध्यान,पूजा-पाठ की जगह उसका पूरा ध्यान सेक्स पर था.सूरज अस्त आशाराम मस्त .सूरज के ढलने के साथ ही एक नयी दुनिया में चला जाता था आशाराम .ऐय्याशी उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई थी.बुढापे में जवान रहने के लिए आशा राम कामोतेजना बढानेवाली दवाइयां खाता था .लड़कियों का इतना शौक़ीन था कि उनका चुनाव वो टॉर्च की रौशनी में करता था.एक साथ कम उम्र की कई लड़कियों के साथ रंगरेलिया मनाता था .
उन्होंने बताया कि जब उसने आसाराम से पूछा कि ‘ब्रह्मज्ञानी’ की इस तरह की इच्छाएं कैसे हो सकती हैं, तो वह चुपचाप अंदर गया और अपने लोगों से कह कर उसे बाहर कुटिया से बाहर निकलवा दिया. उन्होंने यह भी बताया कि आसाराम अपनी यौन क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं खाता था और अफीम का सेवन करता था जिसे वो कोड भाषा में ‘पंचेड बूटी’ कहता था.गवाह ने यह भी अदालत के सामने यह भी खुलासा किया था कि आसाराम के साथ रहने वाली तीन लड़कियां इस सेक्स रैकेट में अहम्इ भूमिका निभाती थीं.गौरतलब है कि दुष्कर्म के मामले में आसाराम सितंबर 2013 से जेल में था और बुधवार को जोधपुर की विशेष पोक्सो अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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