सेवा-निवृति के बाद अंजनी कुमार सिंह का प्रोमोशन,बने सीएम के सलाहकार

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कैबिनेट सचिवालय विभाग ने शुक्रवार को अंजनी  कुमार  सिंह की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है.इस अधिसूचना के अनुसार अंजनी कुमार सिंह बिहार के विकास के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करेगें.उनके क्रियान्वयन की देखरेख करेगें .आदेश में कहा गया है कि उन्हें भविष्य में विकास संबंधी नीतियों में जरुरत के हिसाब से बदलाव करने का अधिकार भी दिया जाएगा.अधिसूचना के अनुसार अंजनी सिंह को एक कैबिनेट  मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा और उसकी तमाम सुविधाएं उन्हें मिलेगीं.जाहिर है सेवा-निवृति के बाद अंजनी कुमार सिंह पहले से भी ज्यादा प्रभावशाली भूमिका में होंगें.राज्य के तमाम अधिकारी से लेकर मंत्री तक उन्हें रिपोर्टिंग करते नजर आयेगें.

सिटी पोस्ट लाईव: बिहार के मुख्य सचिव के पद से बुधवार यानी 31 को सेवा निवृत होने के बाद अंजनी  कुमार सिंह को और बड़ी जिम्मेवारी दे दी गई है. सेवा-निवृति के 24 घंटे के अंदर ही अंजनी  कुमार सिंह को  सीएम नीतीश कुमार का सलाहकार बना दिया गया है.सूत्रों के अनुसार  अंजनी कुमार सिंह को सरकार की नीतियों के निर्धारण से लेकर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन तक की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा और सारी सुविधाएं मिलेंगी.

ये कहना ठीक नहीं रहेगा कि अंजनी कुमार सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं.अंजनी  कुमार सिंह अपनी काबिलियत हमेशा साबित करते रहे हैं.राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर वो रहे.लेकिन कभी किसी तरह के विवाद में नहीं फंसे.अंजनी   सिंह एक कुशल रणनीतिकार माने जाते रहे हैं.सरकार के सबसे ख़ास अधिकारी रहने के वावजूद भी कभी अंजनी  सिंह किसी राजनीतिक दल के निशाने पर नहीं आये.जिस विभाग की जिम्मेवारी उन्होंने संभाली ,उसे दुरुस्त करके ही छोड़ा.

अंजनी कुमार सिंह ने केवल अपने विभाग की जिम्मेवारी ही नहीं निभाया.अपने विभाग के साथ साथ हमेशा  नीतीश कुमार के सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अहम् भूमिका निभाते रहे.कई विभागों के प्रधान सचिव रहे.सीएम के प्राधान सचिव रहे और सेवा-निवृति तक मुख्य सचिव बने रहे.इतना ही नहीं सेवा-निव्रती के बाद भी उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया.

कहा जाता है कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजनाओं के निति निर्धारण से लेकर उनके क्रियान्वयन में भी उन्होंने अहम् भूमिका निभाई .चर्चा तो ये भी थी कि उन्हें सेवा-निवृति के बाद राज्य का शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है.अभी मंत्री तो नहीं बनाए गए हैं .लेकिन मंत्री से ज्यादा पावरफुल जरुर हो गए हैं.बतौर मुख्यमंत्री के सलाहकार अब वो मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी करेगें .

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