डीएसपी के साथ साथ BPSC के एक दर्जन अधिकारी पुलिस के रडार पर.

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सिटी पोस्ट लाइव :  67 वीं बीपीएससी पेपर लीक कांड में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है.इस केस में परचा लीक के आरोप में गिरफ्तार किए गए डीएसपी रंजीत रजक के परिजनों से भी पुलिस पूछताछ करेगी. बीपीएससी के कर्मचारी भी आर्थिक अपराध इकाई के रडार पर हैं. बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई अब एक दर्जन संदिग्धों से पूछताछ करेगी. इन सभी संदिग्धों पर परीक्षा के दौरान सेटिंग के बल पर फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने की साजिश रचने का आरोप है.

आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों के अनुसार बीपीएससी के आधा दर्जन कर्मियों से पूछताछ की तैयारी चल रही है. सोमवार से तकरीबन एक दर्जन संदिग्धों से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो भी चुकी है. ईओयू के सूत्रों की मानें तो डीएसपी रंजीत कुमार रजक के दोनों भाइयों के अलावा उसके करीबी भी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर अधिकारी बने हैं. इसी का फायदा उठाकर गिरफ्तार डीएसपी रंजीत कुमार रजक बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कराने का दावा करता था.

आर्थिक अपराध इकाई ने इसे लेकर बीपीएससी के अधिकारियों को पत्र लिखा है और अपने स्तर से पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है. पेपर लीक कांड में पहले 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इन 16 में से आधा दर्जन से अधिक सरकारी पदाधिकारी बताए जा रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों की मानें तो डीएसपी रंजीत रजक बीपीएससी पेपर लीक कांड से जुड़े अभियुक्तों के लगातार संपर्क में था.पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ फरार आरोपियों से डीएसपी की बातचीत के सबूत मिले हैं. बताया जा रहा है कि डीएसपी की कार्रवाई के बाद भी और आरोपियों से लगातार बातचीत हुई थी, इसके अहम सबूत मिले हैं.

गौरतलब है कि बीपीएससी की परीक्षा पिछले 8 मई को थी. पेपर लीक होने जाने के कारन परीक्षा रद्द हो गई थी और बिहार की पुरे देश में बहुत किरकिरी हुई थी.पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी गई थी. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या भी बढ़ती चली गई.

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