सिटी पोस्ट लाइव : पटना एडीएम सूरज कुमार सिन्हा ने बेटे आयुष की मौत की जांच के लिए अब बिहार मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाईं है.उन्होंने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही लिक हो चुकी है लेकिन उन्हें अबतक नहीं मिली है. आयुष को फुलवारीशरीफ स्थित मानस अस्पताल में नशा मुक्ति के लिए 21 दिसंबर को एडमिट किए थे. उस अस्पताल के संचालक डॉक्टर संतोष कुमार हैं. उस अस्पताल में आयुष को इलाज के नाम पर यातना दी गई ओर मार दिया गया.
पटना एडीएम सूरज कुमार सिन्हा के अनुसार इलाज के नाम पर स्टाफ द्वारा आयुष को पीटा गया. शिकायत करने पर उसे शारीरिक यातना दी गई.तबीयत खराब होने के बाद जरुरी कारवाई नहीं की गई. उसे बेड पर तड़पता छोड़ अस्पताल के कर्मचारी मैच देख रहे थे.वह बार-बार बाथरूम में जाकर उलटी कर रहा था. उसका समय पर और सही इलाज नहीं हुआ. हालत बिगड़ने के बाद उसे बाइक से ले जाया गया. वहां ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस नहीं थी.
पटना एडीएम सूरज कुमार सिन्हा ने पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.उन्होंने कहा कि आयुष की किताब को पुलिस ने जब्त नहीं किया जो जांच के लिए जरुरी है. उसके कमरे के उन हिस्सों को ध्यान से देखना जरुरी है जहाँ सीसीटीवी नहीं है. उनके अनुसार जहाँ सीसीटीवी निगरानी में नहीं हैं वहां स्टाफ उसके साथ मारपीट कर सकते हैं. पुलिस इस मामले को एक नार्मल केस मानकर जांच करना चाहती है,