सिटी पोस्ट लाइव: छपरा जिले की बालिका गृह की सुरक्षा में तैनात एक गार्ड द्वारा वहां की एक लड़की का यौन शोषण किये जाने का मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने सभी बालिका गृहों में पुरुषों की जगह किन्नरों को गार्ड के रूप में तैनात किये जाने का फैसला लिया है.लेकिन सच्चाई ये है कि गार्ड बदल देने से कुछ नहीं होनेवाला. गार्ड पुरुष हो या महिला या फिर किन्नर ,बच्चियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती. मुजफ्फरपुर बालिका गृह में जहाँ 29 से ज्यादा नन्ही बच्चियां यौन शोषण का शिकार हुईं ,वहां तो उनकी देखभाल के लिए 7 -7 महिला कर्मचारी तैनात थीं. एक बाल सुरक्षा अधिकारी को छोड़कर वहां कोई पुरुष तैनात नहीं था. और यहीं महिलायें ही बच्चियों के यौन शोषण का सबसे बड़ा जरिया बन गईं .ये सभी सातों महिलायें गिरफ्तार हो चुकी हैं.
उत्पीडन मुजफ्फरपुर चिल्ड्रेन होम यौन उत्पीड़न मामले में जिन दस लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें सात महिलाएं हैं. इन पर लड़कियों को प्रताड़ित करने से लेकर, उन्हें नशे का इंजेक्शन देने और बाहरी लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने ,उन्हें बाहर ले जाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.पीड़ित लड़कियों के अनुसार ईन सभी सात महिलायें ही उनके यौन शोषण का सबसे बड़ा जरियां थीं.
पहली महिला है इंदु कुमारी –इन्दू कुमारी यौन उत्पीड़न कांड का मास्टर माइंड है. इंदु सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात थी . इंदु ही पूरे चिल्ड्रेन होम को मैनेज करती थी. इंदु पर बाहरी लोगों को चिल्ड्रेन होम में प्रवेश देने और यौन प्रताड़ना में सहभागी होने का आरोप है.दूसरी महिला कर्मचारी चंदा देवी गृहमाता के पद पर तैनात थी. ये गृह माता कुमाता बन गई .बच्चियों की देखभाल की जिम्मेदारी थी लेकिन बच्चियों के शोषण में इसने अहम् भूमिका निभाई.बालिका गृह की 14 दिव्यांग बच्चियों को भी इसने यौन शोषण का शिकार बनवा दिया.दिव्यांग बच्चियों को मार पीटकर इतना डरा देती थी कि कोई विरोध की हिम्मत नहीं जूता पाती थी.
यहाँ स्वीपर का काम करनेवाली हेमा मसीह की जिम्मेदारी बच्चों के कमरों और कॉमन हॉल की साफ-सफाई करना था. साबुन, तेल या रोजमर्रा की किसी और ज़रूरत को पूरा करने क था.लेकिन वो कम करती थी सेक्स कांड का सबूत मिटाने का काम .पुलिस ने इस पर लड़कियों के साथ हुए जघन्य अपराध में साथ देने का आरोप लगाया है. चौथी महिला कर्मचारी किरण कुमारी हेल्पर के पद पर तैनात थी .लेकिन इसका मुख्य काम था बच्चियों को चिल्ड्रेन होम से बाहर ले जाने का.. कई लड़कियों ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है कि किरण उन्हें जान से मारने की धमकी देती थी. पांचवी महिला मीनू देवी भी हेल्पर का काम करती थी और कई बार नाइट ड्यूटी में रहती थी. पीड़ित लड़कियों के अनुसार यह बाहरी लोगों को रूम में लाती थी और उन्हें गलत काम के लिए मजबूर करती थी.
नेहा कुमारी ने इस सेक्स रैकेट को आगे बढाने में अहम् भूमिका निभाई है.पठान टोला की रहने वाली नेहा नर्स का काम करती थी. इसकी जिम्मेदारी बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना था लेकिन ये बच्चियों को नशे का इंजेक्शन लगाती थी. कई बार लड़कियां अपने साथ हो रहे गलत व्यवर्हार का विरोध करती थी और उन्हें काबू में करने के लिए यह उन्हें बेहोशी की दवा दे देती थी. बच्चियों पर बेइंतहा जुल्म ढाया जाता था और उनके प्राइवेट पार्ट्स के साथ खिलवाड़ किया जाता था.यह काम यहाँ तैनात सातवीं महिला कर्मचारी मंजू देवी करती थी. वह बच्चियों के बीच इतना दहशत कायम कर देती थी कि वो किसी भी गलत काम का विरोध करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाती थीं.