कूड़े के ठेले पर शव ले जाने का वीडियो वायरल, नालंदा जिले में मची खलबली.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नालंदा ( Nalanda)  जिले का एक ऐसा विडियो  सोशल मीडिया में वायरल ( Video viral ) हो रहा है  जो मानवता को  शर्मसार कर रहा है.गौरतलब है कि कोविड काल में कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज की मौत पर यदि उसके परिजन अंतिम संस्कार नहीं करते हैं तो उसे सरकार अपने खर्च पर कराती है. कोविड काल में एम्बुलेंस की जगह नगर निगम ( Municipal Corporation ) के ठेले से शव को लेकर मुक्ति धाम पहुंचे कर्मी की वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में खलबली मच गई है. यह वीडियो 13 मई का बताया जा रहा है.

नालंदा से जो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है उसमें निगमकर्मी शव को एम्बुलेंस की जगह निगम के कूड़े वाले ठेले से ले जाते दिख रहे हैं. हालांकि कर्मी स्वयं पीपीईकिट पहने हुए हैं. मगर शव को पीपीईकिट के जगह चादर से ढक कर ले जा रहे हैं. जिससे यह पता चलता है कि युवक की मौत बीमारी से हुई है लोग संदिग्ध मानकर उसका अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे थे. जब इस वीडियो की पड़ताल की गई तो यह वीडियो 13 मई का बताया जा रहा है.वीडियो जारी करने वाले युवक ने बताया कि पिछले 13 मई को सोहसराय थाना इलाके के जलालपुर मोहल्ले की है. जहां किराए के मकान पर रह रहे एक युवक मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की मौत कोरोना के कारण हो गई. मौत के बाद निगम कर्मियों द्वारा शव को इस तरह ले जाया गया था.

वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को जलालपुर सेवा समिति द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस मामले में वार्ड पार्षद द्वारा दाह संस्कार के नाम पर धोखाधड़ी व ठगी करने का आरोप लगाया गया है. मोहल्ले वासियों द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि स्वर्गीय बजरंगी हलवाई के पुत्र मनोज कुमार उर्फ गुड्डूकी मौत कोरोना से हुआ है. मौत के बाद वार्ड पार्षद द्वारा यह बताया गया कि कोरोना काल में किसी की मौत हो जाने पर अगर उसका अंतिम संस्कार परिजन द्वारा नहीं किया जाता है, तो निगम की टीम द्वारा उसका दाह संस्कार किया जाता है. जिसके लिए 22 हजार रुपए लगते हैं. काफी देर तक शव मोहल्ले में रहने के कारण मोहल्लेवासियों के प्रयास से मृतक के मामा द्वारा लगभग साढ़े 16 हजार रुपए देने का बाद शव को ठेले से ले जाया गया.

 वार्ड पार्षद सुशील कुमार मिठ्ठू ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया. मामला चाहे जो भी हो मगर इस वैश्विक महामारी के समय सबको नगर निगम के ठेले से ले जाना कहां तक उचित है. यह तो जांच का विषय है. हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में खलबली मच गई है.

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