सिटी पोस्ट लाइव : बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से बिहार में हाहाकार मचा हुआ है.लोगों को अस्पतालों में जगह नसीब नहीं हो रहा है.जो लोग अस्पतालों में भर्ती हो गए हैं उन्हें जरुरी दवाईयें नहीं मिल रही हैं.सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की है.कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अहम दवा रेमडेसिविर के संबंध में अब राज्य सरकार ने दो अहम फैसले लिए हैं. निजी अस्पतालों के लिए इंजेक्शन की दरें बीएमएसआईसीएल ने तय कर दी हैं तो दूसरा इंजेक्शन वितरण व्यवस्था भी बदल दी गई है.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सभी सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षकों को कहा है कि वे उपलब्ध कराए गए इंजेक्शनों का 60 प्रतिशत डेडिकेटेड कोवि़ड हेल्थ सेंटर को दे देंगे. शेष 40 प्रतिशत इंजेक्शन जिला के अंतर्गत चिन्हित निजी अस्पतालों में इलाजरत रोगियों के लिए आवंटित किया जाएगा.घरों पर ईलाज करवा रहे लोगों को भी रेमडेसिविर मिलेगा.
सरकार भले ये दावा कर रही है कि ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है.लेकिन मरीजों के परिजनों के अनुसार सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर जो दवाएं लिख रहे हैं,वो बाज़ार में मिल नहीं रही.सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर मरीजों के परिजनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने के लिए कह रहे हैं.कोरोना के ईलाज में जरुरी सिप्ला कंपनी की एक दवा भी बाज़ार से गायब है जिसकी वजह से सैकड़ों मरीजों की जान खतरे में है.