सरकारी अस्पतालों का हाल बेहाल, NMCH के अधीक्षक ने खुद को ‘पद’ से हटाने की लगाईं गुहार.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना संकट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार सेना से मदद मांग चुकी है और उसके सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हाथ खड़े कर चुके हैं. नालंदा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कार्यमुक्त करने की गुहार लगाकर सरकार की कोरोना से निबटने की तैयारी का पोल खोल दिया है.

दरअसल एनएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह को एनएमसीएच के अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें 21 जुलाई 2020 को अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ दिनों से प्रशासन द्वारा NMCH में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण कर ऑक्सीजन सिलेंडर एनएमसीएच की बजाय दूसरे अस्पतालों को भेजा जा रहा. इस कारण इस संस्थान में ऑक्सीजन की काफी कमी हो गई है. मेरे अथक प्रयास के बाद भी ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान खतरे में बनी है.

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने अपने पत्र में कहा है कि मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के बाद इसकी सारी जवाबदेही हम पर थोप दी जाएगी और आरोप गठित कर कार्यवाही की जाएगी. इसलिए समय रहते मुझे अधीक्षक के कार्यभार से मुक्त कर दिया जाए.मुझे नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक के कार्यभार से मुक्त किया जाए क्योंकि सारा ठीकरा मुझ पर ही फोड़ेने की तैयारी है. बिना वजह मुझपर आरोप गठित कर कार्यवाही की जाएगी. इसलिए समय रहते मुझे अधीक्षक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाए.

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