सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के हटिया और रांची रेलवे स्टेशन से हजारों यात्री प्रतिदिन विभिन्न राज्यों से रांची आ रहे हैं लेकिन इनमें से अधिकतर यात्री अपनी कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर रोज लगभग 25 हजार यात्री आवागमन करते हैं। जिला प्रशासन सभी यात्रियों की जांच नहीं करा पा रहा है। प्रतिदिन दो से ढाई हजार यात्रियों की ही कोरोना जांच हो पाती है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रांची और हटिया रेलवे स्टेशन पर 52 जोड़ी ट्रेनों का आवागमन होता है। रेलवे स्टेशन के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी ये आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि किस दिन कितने लोगों ने रांची रेलवे स्टेशन से आवागमन किया। रेलवे स्टेशन पर उन्हीं यात्रियों की जांच की जाती है जो खुद से अपनी जांच कराना चाहते हैं। जांच टीम का काउंटर वहां लगा है जहां से यात्री रेलवे स्टेशन पर प्रवेश करते हैं।
इसके बावजूद कई यात्री बिना जांच कराएं आसानी से बाहर निकल रहे हैं। कभी-कभी रोके जाने पर यात्री पुलिस बल से ही उलझ जाते हैं। यात्रियों की जांच के बाद रिपोर्ट बाद में आती है। अगर आरटी-पीसीआर टेस्ट होता है तो इसकी जांच रिपोर्ट एक दिन बाद आती है। यात्री के मोबाइल पर बता दिया जाता है कि वो कोरोना पॉजिटिव है जबकि, एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव होने के बाद भी यात्रियों को जाने दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि कई बार तो यात्री ही गलत नंबर लिखाकर चले जाते हैं। प्रशासन द्वारा संपर्क किए जाने पर नंबर स्विच ऑफ बताता है। मरीज रांची में ऑटो में सफर कर कइयों को संक्रमित कर देते हैं। दूसरी जगह जा रहे हैं तो भी ट्रेन में सवार लोगों को संक्रमित कर देते हैं। ऐसे में प्रशासन को थोड़ी कड़ाई बरतने की आवश्यकता है ताकि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा सके।