कोरोना के 114 मामले में मात्र 17 सक्रिय, ऑरेंज ज़ोन में शामिल हुआ हॉट स्पॉट रांची
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में कोरोना की शुरुआत झारखण्ड की राजधानी रांची से हुई और सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित यहीं से पाया गया । और रांची कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया। अब तक 114 मामले सामने आये जिसमें दो की मौत हो गयी। लेकिन प्रशानिक सूझबूझ , लोगों के सहयोग और डॉक्टरों के प्रयास हॉट स्पॉट रांची को देश का रोल मॉडल बना डाला। यहां कोरोना मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत पूरे देश में सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत है। अबतक 114 मरीजों में अब मात्र 17 मरीज़ सक्रिय हैं। बाकी ठीक होकर घर लौट चुके हैं। हालांकी इनमें दो की मौत भी हो चुकी है। रांची के उपयुक्त ने शनिवार को प्रेस कॉन्फरेंस कर मीडिया में जानकरी साझा की है की कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफल होते हुए रांची जिला ने कई उपलब्धियां हासिल की है। अब रांची जिला रेड जोन से बाहर हो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त रांची राय महिमापत रे ने बताया कि रांची जिला अब रेड जोन से बाहर आ गया है।रांची अब ऑरेंज जोन में है, जो जिला प्रशासन की टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है।उन्होंने कहा कि रेड जोन से ऑरेंज जोन में आना एक मुश्किल पड़ाव है, टीमवर्क और लोगों के सहयोग से हमने यह उपलब्धि हासिल की । प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त बताया कि जिले में अब सिर्फ कोरोना के 17 ही एक्टिव केस बचे हैं। आज 4 और मरीज ठीक हो गए हैं, जो जल्द ही अपने घर चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 114 केस में 95 मरीज ठीक हो चुके हैं। रांची जिला राज्य में दो अन्य जिलों के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में जिला की अन्य उपलब्धियों के बारे में बताते हुए उपायुक्त रांची राय महिमापत रे ने कहा कि एक्टिव केसे पर लैक ऑफ़ पॉपुलेशन के मामले में झारखंड पांचवें स्थान पर है, जबकि पॉजिटिविटी रेट के मामले में जिला पूरे राज्य में छठे स्थान पर है। रांची जिला का केस पॉजिटिविटी रेट 1.18%
है।
उनहोंने बताया कि 9कोरोना संक्रमण के डबलिंग रेट के मामले में रांची जिला का प्रतिशत राज्य से भी बेहतर है. कुछ दिन पहले रांची जिला में डबलिंग रेट 3.5% था, जो राज्य और देश से भी ज्यादा था। लेकिन पिछले कुछ दिनों में सार्थक प्रयास की वजह से डबलिंग रेट 57.92% पहुंच गया है। उपायुक्त ने बताया कि डबलिंग रेट वह मानक होता है, जिससे पता चलता है कि किस रेट से कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। टेस्टिंग रेट के मामले में भी रांची जिला आगे उपायुक्त रांची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि टेस्टिंग रेट के मामले में भी रांची जिला आगे है। अब तक रांची जिला में करीब 10000 टेस्ट किए जा चुके हैं, जो कि देश के औसत जांच दर से ज्यादा है। उन्होंने बताया कि देश का औसत जांच दर प्रति लाख 205 है, जबकि रांची जिला में यह दर प्रति लाख 285 है। कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त रांची ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण के 17 सक्रिय मामले हैं, जिनमें 10 मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े हुए हैं।