सिटी पोस्ट लाइव : एक तरफ आज जहां पूरे देश में इस कोरोना वायरस के बीच डॉक्टर कोरोना वॉरियर्स के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं और लोगों की जान बचाने में जुटे हैं तो वहीं डॉक्टरों के भेष में कुछ ऐसे भी लोग शामिल हैं जो महज चंद रूपयों के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बेगूसराय में सामने आया है जहां जिला प्रशासन की अनुमति के बगैर कोरोना संक्रमित मरीजों का एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा था और जब मौत हो जाती है तो फिर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मृतक के शरीर को उठाकर बाहर फेंक दिया जाता है। उक्त अस्पताल सदर अनुमंडल क्षेत्र के नगर थाना क्षेत्र स्थित पावर हाउस चौक पर संचालित की जा रही थी। फिलहाल जिला प्रशासन ,स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस के द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है ।
सदर अनुमंडल क्षेत्र के पावर हाउस चौक पर अवस्थित हॉस्पिटल आज सवालों के घेरे में है और सवाल उठना भी लाजमी है। मामले पर से पर्दा तब उठा जब इलाहाबाद के एक शख्स जो पटना सचिवालय में कार्यरत थे इसी अस्पताल में कोरोना की वजह से उनकी मौत हुई। बताया जा रहा है की उनका एक पुत्र बेगूसराय में निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं उनसे मिलने के लिए आने के बाद उक्त सचिवालय कर्मी कोरोना पोजेटिव पाए गए तब उनके पुत्र के द्वारा अस्पतालों का दरवाजा खटखटाया जाने लगा तो पता चला नगर थाना क्षेत्र के पावर हाउस चौक पर एक अस्पताल में बेड भी खाली है और ऑक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ।
आनन-फानन में चिंतित परिजनों ने उक्त व्यक्ति को इलाज के लिए इसी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन बीती रात जब उनकी मौत हो गई तो अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मृतक के शव को बाहर फेंक दिया गया तथा अस्पताल का बोर्ड हटाकर सारे अस्पताल कर्मी मौके से फरार हो गए । मृतक के पुत्र के द्वारा अस्पताल की पूरी राशि जमा कर दी गई थी अब मृतक के परिजन जब मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं तो अस्पताल के सारे कर्मी मौके से फरार हैं। थक हार कर पीड़ित परिजनों के द्वारा जिला प्रशासन को इस बात की सूचना दी गई तब जाकर जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा निर्गत अस्पतालों की सूची में उक्त अस्पताल का नाम नहीं है । फिलहाल प्रशासन के द्वारा गहन छानबीन की जा रही है ।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट
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