सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। सरकारी और निजी अस्पताल फूल हो चुके है, गंभीर हालात में भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा हैं। हर ओर अव्यवस्था का माहौल है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री लगातार बैठकें कर रहे है, लेकिन स्थिति चिंताजनक और बेकाबू होती जा रही है। श्मशान घाट और कब्रिस्तान कोरोना संक्रमण से मौत के सरकारी आंकड़े की पोल खोल रहे है।
एक सप्ताह में सिर्फ रांची में 194कोरोना संक्रमितों की अंत्येष्टि
राजधानी रांची में पिछले एक सप्ताह 10 से 16अप्रैल के बीच सरकारी आंकड़ों के तहत 61 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, लेकिन श्मशान घाट के आंकड़ों के अनुसार इन सात दिनों में 194 शवों की अंत्येष्टि रांची के घाघरा स्थित मुक्तिधाम में की गयी। इसके अलावा रांची के विभिन्न कब्रिस्तानों में भी दो दर्जन लोगों के शवों को दफनाया गया। श्मशान घाट और कब्रिस्तान में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि सामान्य दिनों में सिर्फ दो-तीन शवों की अंत्येष्टि होती थी। लेकिन हाल के दिनों में जो हालात बन गये है, ऐसे हालात उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था।
श्मशान घाट में घंटों प्रतीक्षा करना पड़ रहा हैं
कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार 10 अप्रैल को राज्यभर में 17 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई, जिसमें रांची के सिर्फ 5 संक्रमित थे। वहीं 11 अप्रैल को राज्य में 21 संक्रमितों और रांची में 14 संक्रमितों की मौत हुई। इस दौरान रांची के हरमू स्थित मुक्ति धाम में शवदाह का बर्नर खराब हो गया। जिसके कारण कई घंटों तक कोरोना संक्रमित मरीजों की अंत्येष्टि नहीं हुई। जिसके बाद सोमवार देर रात तक 24 घंटे में घाघरा स्थित घाट पर 52 शवों की अंत्येष्टि की गयी। वहीं 12 अप्रैल को राज्य में 19 संक्रमितों की मौत हुई, जिसमें 8 आठ रांची के थे, परंतु घाघरा घाट पर 22 कोरोना संक्रमित शवों की अंत्येष्टि हुई। 13 अप्रैल को राज्य में 29 संक्रमितों की मौत हुई, जिसमें 6 रांची के थे, लेकिन इस दिन भी रांची में 28 कोरोना संक्रमितों की अंत्येष्टि हुई। 14 अप्रैल को राज्य में 31 संक्रमितों की मौत हुई, जिसमें रांची के 7 संक्रमित मरीज शामिल है, परंतु इस दिन भी घाघरा घाट में 22 शवों की अंत्येष्टि हुई। 15 अप्रैल को राज्य में 28 संक्रमितों की आधिकारिक मौत की खबर है, जिसमें रांची के सिर्फ 5 संक्रमित थे, लेकिन 35 शवों की अंत्येष्टि हुई। इसी तरह से 16 अप्रैल को 56 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, जिसमें रांची के सिर्फ 16 थे, परंतु इस दिन भी 35 शवों की अंत्येष्टि हुई। वहीं शहर के विभिन्न कब्रिस्तानों में अंत्येष्टि का पूरा आंकड़ा नहीं मिल पाया है। इस तरह से इन सात दिनों में रांची में आधिकारिक रूप से सिर्फ 61 संक्रमितों की मौत का सरकारी आंकड़ा मिला, परंतु श्मशान घाट में 194 शवों की अंत्येष्टि हुई। वहीं राज्यभर में सिर्फ 201 संक्रमितों की मौत की बात सरकार की ओर से कही गयी, परंतु जानकारों का कहना है कि यह आंकड़ा भी 800 से अधिक है।
यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेन स्ट्रेस से बिगड़े हालात
रांची के पारस अस्पताल में कार्यरत डॉ0 नितेश कुमार का कहना है कि रांची और झारखंड के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण के खतरनाक डबल म्यूटेन स्ट्रेस और यूके स्ट्रेन मिलने से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है।