सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट काल में रेमडेसिविर की कालाबाजारी जारी है.सरकार के तमाम दावे के वावजूद लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन आसानी से नहीं मिल पा रहा है और लोग इसे ब्लैक में खरीदने को मजबूर हैं.ब्लैक में खरीदने से एक तो कई गुना ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है वहीं दवा के सही होने की भी कोई गारंटी नहीं है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पटना के एसपी वर्मा रोड के एक निजी हॉस्पिटल में छापेमारी कर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया है. टीम ने हॉस्पिटल के संचालक सह डायरेक्टर, उसके साले और एक एमआर को गिरफ्तार किया है. इनके पास से जीवनरक्षक इंजेक्शन की दो फाइल जब्त की गई है.
EOW के कंट्रोल रूम में किसी ने फोन कर इस हॉस्पिटल से रेमडेसिविर की कालाबाजारी की सूचन दी थी. इसके बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में छापेमारी से पटना में खलबली मच गई है. EOW ने सभी आईजी, डीआईजी और एसपी को इस विशेष टीम को सहयोग करने के लिए कहा है. आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों ने बताया कि जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने को एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसका नंबर 0612 -221 5142 और मोबाइल नंबर 85444 28427 और 7543 014100 भी जारी किया गया है. यह कंट्रोल रूम 31 मई तक 24 घंटे काम करेगा.
EOW के मुताबिक आम लोगों से मिली सूचना आधार पर मेडिकल ऑक्सीजन, आवश्यक दवाइयों और इंजेक्शन की कालाबाजारी और अवैध भंडारण रोकने को यह छापेमारी अभियान चलेगा. अब तक इस टीम ने पटना के कई इलाकों में छापा मारकर 54 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और 42 रेगुलेटर जब्त किए हैं.