सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना वक्सीन का टिका देश भर में लगाया जा रहा है.लेकिन इस बीच ये खबर आ रही है कि 30 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लेना महंगा पड़ सकता है, खासतौर पर ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन. गौरतलब है कि ये दुनिया दुनिया के टॉप लीडिंग डोज में से एक है. हालांकि उपलब्ध डेटा और साक्ष्यों के आधार पर कमिटी की ये सिफारिश है कि 30 साल से कम उम्र के लोग जिन्हें हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या नहीं है उन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की बजाए कोई अन्य वैक्सीन दी जानी चाहिए.
जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका का पहला शॉट लग चुका है, उन्हें दूसरा शॉट भी इसी वैक्सीन का लगना चाहिए. ये पूरा मामला तभी से जोर पकड़ रहा है जब ब्रिटेन के MHRA मेडिसिन रेगुलेटर ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित शॉट के संभावित साइड-इफेक्ट का पता लगा है.. हालांकि, दोनों देशों के रेगुलेटर्स अब छोटी संख्या में ब्रेन ब्लड क्लॉट्स की रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं, जिसे सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रॉम्बोसिस (CVST) के रूप में जाना जाता है. ये शॉट लगने के बाद लोगों में ब्लड प्लेटलेट्स का लेवल असामान्य रूप से प्रभावित होता है.