सिटी पोस्ट लाइव, रांची: धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग दो सौ करोड़ रुपए के प्राक्कलन घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी करेगी। ज्ञात हो कि 14 वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इनमें से कई पीसीसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी समेत कई खामियों होने की शिकायत की गई हैं।
40 सड़़कों के निर्माण की स्वीकृति
इन 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदधिकारियों द्वारा बनाया गया और इसके डीपीआर बनाने के एवज मे कोई परामर्शी शुल्क का भुगतान किसी भी परामर्शी एजेंसी को नहीं किया गया, लेकिन 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी टवपक से इसका डीपीआर और डिजाइन परामर्श शुल्क देकर तैयार कराया गया। इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपए है. लेकिन इन सड़कों के डीपीआर का अवलोकन ले पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है। इसके अलावा डीपीआर में तकनीकी प्रतिवेदन भी नहीं है। इसके अलावा भी सड़कों के निर्माण में कई खामियों और तकनीकी प्रावधानों के उळ्लंघन की शिकायत की गई है.
लगाए गए हैं आरोप
धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की राशि से बनने वाली सड़कों का परामर्शी से डीपीआर तैयार कराकर महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पहले से अच्छी स्थिति की पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर फिर से पीसीसी सड़कों का ही निर्माण करा दिया गया। परमर्शी मेसर्स मार्स एंड वाॅयड को परामर्शी शुल्क के रुप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर 50 प्रतिशत राशि महापौर के द्वारा वसूले जाने का आरोप है और जिन पीसीसी सड़कों का निर्माण कराया गया है, उसकी गुणवत्ता निम्नस्तरीय है।