सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर आ रही है.बिहार के चार बड़े सरकारी और एक प्राइवेट अस्पताल में पिछले एक महीने के दौरान कोरोना संक्रमित महिलाओं ने 77बच्चों को जन्म दिया है. सबसे ख़ास बात ये है कि स्तनपान करने के वावजूद इनमें से कोई भी नवजात संक्रमित नहीं पाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि मां से बच्चे में संक्रमण का ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है. हालांकि संक्रमित मां द्वारा बच्चे को स्तनपान कराते समय कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होता है. एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर राकेश कुमार ने कहा कि मां अगर कोरोना संक्रमित हो, तब भी हाथों को साबुन से धोकर, सेनेटाइज कर और मुंह-नाक को अच्छी तरह से मास्क से ढंक अपने बच्चे को दूध पिला सकती है.
पीएमसीएच के गाइनी विभाग में 3 जनवरी से अबतक 10 कोरोना संक्रमित महिलाओं का प्रसव कराया गया. इनमें नौ नार्मल और एक सिजेरियन डिलिवरी थी. इनमें से किसी बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है. कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से 10 बेड का वार्ड बनाया गया है. प्रसव के लिए आने वाली महिला की कोरोना जांच कराई जाती है. उसी में पता चलता है कि महिला संक्रमित है या नहीं.
पटना एम्स में चार कोरोना संक्रमित महिलाओं की डिलिवरी कराई गई. सभी सिजेरियन। प्रसव के बाद बच्चे की भी जांच कराई गई. किसी बच्चे में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. नोडल अफसर डॉ. संजीव कुमार के मुताबिक गाइडलाइन का पालन करते हुए संक्रमित महिला की डिलिवरी कराई जाती है। मां से बच्चों में वर्टिकल ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है.इसी तरह से आईजीआईएमएस में दो कोरोना संक्रमित महिलाओं की डिलिवरी कराई गई. नवजात की भी जांच कराई गई. बच्चे संक्रमित नहीं थे. एक गर्भवती महिला का तो रैपिड एंटीजेन निगेटिव था जबकि आरटी-पीसीआर कराने पर वह पॉजिटिव मिली थी.
एनएमसीएच में दो कोरोना संक्रमित महिलाओं की नार्मल डिलिवरी कराई गई. विभाग की वरीय स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनिता सिंह का कहना है कि बच्चे संक्रमित नहीं हुए थे. कोरोना संक्रमित मां से पैदा होने वाले बच्चे संक्रमित नहीं हो रहे हैं. वैसे भी कोरोना का संक्रमण नाक, मुंह से प्रवेश करता है. वरीय स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपाली प्रसाद के अनुसार देखा जा रहा है कि अमूमन मां से बच्चे में संक्रमण नहीं जा रहा है. यह रिसर्च का विषय है. वैसे गर्भवती महिलाओं को हिदायत दी जाती है कि बेवजह बाहर नहीं निकलें या अस्पताल नहीं आएं.