लॉकडाउन-3 में 2.82 श्रमिकों ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में मिला रोजगार: मंत्री

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लॉकडाउन-3 में 2.82 श्रमिकों ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में मिला रोजगार: मंत्री

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: देशव्यापी लॉकडाउन के बीच जरूरतमंद और गरीब परिवारों को सहायता पहुंचाने के लिए गठित प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) की बैठक आज हुई बैठक में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने के साथ ही वापस लौट रहे प्रवासी कामगारों और उनके परिवारों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू उपस्थित थे। इस मौके पर  राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के शुरुआती दौर में राज्य में सिर्फ 800 श्रमिक काम कर रहे थे, लेकिन आज लॉकडाउन-3 के दौरान सूबे में 2 लाख 82 हजार श्रमिक ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत है। उनहोंने बताया कि पूरे राज्य में 72 हजार 408 योजनाओं पर काम चल रहा है और प्रदेश के  4079 पंचायतों में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का किर्यान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन योजनाओं में कार्यरत श्रमिकों की संख्या दोगुनी से तिगुनी हो जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि देश के दूसरे हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार वापस घर लौट रहे है, एहतियात के तौर पर उनसभी को क्वारंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है और जैसे ही उनसभी की क्वारंटाइन अवधि खत्म हो जाएगी, सभी को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार ने राज्य में रहने वाले सभी जरूरतमंद और निर्धन परिवारों को भोजन और अनाज उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की है और गांव-पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन अवधि में ही तीन-तीन बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि लॉकडाउन के पहले कई प्रवासी श्रमिक बाहर में 700 से 1000 रुपये प्रतिदिन कमाते थे, लेकिन समय और परिस्थितियों के अनुरूप लोगों को थोड़ा समझौता करना पड़ता है, सभी को अपने राज्य और देश से प्रेम है, सोच भी बदलना होगा। महामारी की भयावता को समझना होगा, इस बीमारी की कोई दवा भी नहीं है। सोशल डिस्टेसिंग की एक मात्र बचाव का रास्ता है, राज्य सरकार ने बीमारी को लेकर जांच भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने पहले ही सभी जिलों के उपायुक्तों को मुकम्मल जांच की व्यवस्था का निर्देश दे रखा था, इसके लिए पैनिक होने या चिंता करने की कोई बात नहीं है, लोग घबराये नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को रोजगार मुहैया कराने की सरकार ने योजना बनायी है।

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि गुजरात और कर्नाटक में झारखंड के प्रवासी श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस तरह से गुजरात में एक भाजपा नेता का कुकृत्य सामने आया और रेल टिकट के नाम पर गरीबों से उगाही करने की कोशिश की गयी और विरोध करने पर मारपीट की गयी, दुःखदायी है। कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि राज्य सरकार इस संबंध में गुजरात सरकार के समक्ष कड़ा एतराज जताये और दोषी की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो। इस मौके पर प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर गठित समिति और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में फंसे अंतर जिला प्रवासी श्रमिकों की सूची तैयार की गयी है। प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि समिति द्वारा अंतर जिला प्रवासी श्रमिकों की एक सूची तैयार की गयी है, जिसमें विभिन्न जिलों में फंसे करीब 1400 श्रमिक अपने गृह जिला वापस लौटना चाहते है, पार्टी द्वारा प्रशासन के सहयोग से इनसभी की घर वापसी सुनिश्चित करायी जाएगी। इस बैठक में समन्वय समिति के सदस्य मानस, रवींद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह उपस्थित थे। बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, प्रदीप तुलस्यान, लालकिशोर नाथ शाहदेव समेत अन्य नेताओं ने पुलिस महानिदेशक एम.वी.राव की माता के निधन पर दुःख व्यक्त किया और ईश्वर से शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

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