डाल्टनगंज सेंट्रल जेल में बंद महिला ने दिया बच्ची को जन्म
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोई भी मां नहीं चाहेगी कि उसके बच्चे का जन्म जेल में हो लेकिन परिस्थितियों के आगे इंसान विवश हो जाता है। चाहे द्वापर युग में श्रीकृष्ण को जन्म देने वाली देवकी हों या कलयुग में मानो देवी। डाल्टनगंज सेंट्रल जेल में बंद मानो देवी ने एक बच्ची को जन्म दिया है। गढ़वा जिला के उरसुगी कुसमा की मानो देवी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही है। गर्भवती रहते हुए उसे गढ़वा कोर्ट ने सजा सुनायी थी। सात माह से वह डालटंगनज जेल में है। शनिवार सुबह करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा होने पर जेल प्रशासन ने उसे पीएमसीएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां मानो ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं ।
परिवार वालों ने आने से किया इनकार
बच्ची का पिता सकेन्द्र उरांव बाहर रहकर मजदूरी करता है। जेल प्रशासन ने जब महिला के परिवार वालों को फोन कर बच्ची होने की जानकारी दी तो ससुर छेदी उरांव ने अस्पताल आने से इनकार कर दिया। जब से मानो देवी जेल गई है, उससे मिलने उसका पति भी कभी नहीं आया। हालांकि उसके ससुर दो बार मिलने आये थे।
जमीन विवाद बना जेल जाने का कारण
कैदी महिला के अनुसार जमीन विवाद के मामले में गांव में एक हत्या हुई थी और उसमें उसे फंसा दिया गया। जिसे मारा गया था, उसका शव फांसी पर लटकता हुआ उसके भंडार में मिला था। इसी आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसका तीन साल का बेटा भी जेल में था, जो अब घर जा चुका है। इस संबंध में डालटनगंज सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार बच्ची छह साल तक अपनी मां के साथ जेल में रह सकती है। जेल प्रशासन उसकी देखभाल और परवरिश करेगा। इसके बाद बच्ची के परिवार का कोई सदस्य मां के कहने पर बच्ची को रख सकता है। यदि परिवार वाले बच्ची को नहीं रखते तो आगे की जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी। जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि नवजात बच्ची का जन्मप्रमाण पत्र हो या अन्य कोई कागजात उसमें जेल में रहते हुए जन्म लेने का कोई उल्लेख नहीं होगा। जेल प्रशासन उसका जन्म प्रमाणपत्र बनवायेगा।