सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार में कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कर सुधार को लेकर लॉन्च किये गए ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ एप्प का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस नए कर प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। साथ ही अब ‘कर’ देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा। फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
डॉ कुमार ने कहा “भारत के टैक्स सिस्टम में मौलिक और संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता इसलिए थी, क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे धीरे विकसित हुआ। आजादी के बाद इसमें शामिल होने के लिए बहुत कुछ किया गया था, लेकिन सबसे अजीब प्रणाली का चरित्र रहा। आजादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन बड़े तौर पर सिस्टम का ढांचा वही रहा।”
कृषि मंत्री ने कहा “प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में कर भी कम किया गया है। 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कारपोरेट कर के मामले में हम दुनिया में सबसे कम कर लेने वाले देशों में से एक हैं। टैक्स प्रणाली को निर्बाध, निर्जीव, फेसलेस करने पर जोर दिया गया है। निर्बाध, यानि की आयकर विभाग हर करदाता को उलझाने के बजाय समस्या सुलझाने के लिए काम करे। इसमें सभी नियम सरल होंगे।”
कृषि मंत्री ने कहा “वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 फीसदी की स्क्रूटनी (जांच) होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 फीसदी पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं।”
ईमानदार करदाताओं की राशी से देश की सुरक्षा एवं विकास की योजनाएं कार्यान्वित की जाती है। इसलिए ईमानदारी से कर देना सबसे बड़ी राष्टभक्ति है। कृषि मंत्री ने कहा “टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है। अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर के गौरव का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।”