जालंधर से प्रवासी मजदूरों को लेकर डेहरी-ऑन-सोन पहुंची ट्रेन, स्क्रीनिंग के बाद भेज गया घर
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार लगातार मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए विशेष ट्रैन भी चलाई जा रही हैं जो दुसरे प्रदेशों में फसे हुए मजदूरों को उनके घर तक पहुँचा रही है। ऐसी ही एक श्रमिक स्पेशल ट्रैन पंजाब के जालंधर से प्रवासी मजदूरों को लेकर डेहरी-ऑन-सोन रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को अपराह्न 3 बजके 26 मिनट प्लेटफॉर्म नंबर चार में पहुंची। जहां 118 यात्रियों को ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग का पुरा-पुरा ख्याल रखते हुए कतार बद्ध तरीके से उन सभी यात्रियों को उतारा गया और बारी-बारी से सभी का थर्मल स्क्रीनिंग करा कर बस के माध्यम से संबंधित जिले के अनुमंडल में बने कोरेनटाइन सेंटरों पर भेजा गया। जहां उन्हें 21 दिनों के लिये बने कोरेनटाइन सेंटरो में रखा जायेगा। टोटल यात्रियों में रोहतास जिले के 53,औरंगाबाद-06, बक्सर-24,भोजपुर-24, और कैमूर जिले के 11 श्रमिक बताये जा रहे है। ट्रेन से उतरे सभी श्रमिको को उतरते ही स्क्रिनिंग कर सबसे पहले उनको पानी और बिस्किट दी गई। फिर उन्हें संबंधित जिले के अनुमण्डल में बसों के माध्यम से भेज दिया गया
इस दौरान डेहरी अनुमंडल प्रशासन की पूरी टीम एसडीएम लाल ज्योति नाथ शाहदेव , एसडीपीओ संजय कुमार , एएसडीएम विवेक चन्द्र पटेल, बीडीओ अरुण सिंह,सीओ मुस्तफा , इओ नप सुशिल कुमार,एसएचओ डेहरी सुबोध कुमार व अकोढ़ीगोला अनिल प्रसाद , एसएम रेल राजीव कमल, एएसएम रविन्द्र वर्मा, आरपीएफ इंस्पेक्टर शाहिद अली ,सीबीएस हरेंद्र कुमार एवं रेलकर्मी वीरेंद्र प्रसाद सहित अन्य डेहरी अनुमण्डल स्वास्थ विभाग एवं रेलवे के कर्मचारी मुस्तैदी से डटे थे।
पंजाब जालंधर से आये यात्रियों ने सरकार के इस कदम को सही बताया। उनका कहना है की वो काफी दिनों से लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए थे। अपने घर पहुंचने पर काफी सूकुन मिलेगा। साथ ही उन्हों ने बताया कि रेलवे ने भी अच्छी इंतेज़ाम की थी। खाने पीने के लिए रेलवे ने सभी यात्रियों के लिए समुचित व्यवस्था की थी। वही डेहरी अनुमंडल पदाधिकारी लाल ज्योति नाथ शाहदेव ने बताया की पंजाब के के जालंधर से विशेष श्रमिक ट्रैन से लोगो को लेकर आई है। जिनमे 118 यात्रियों को बसों के माध्यम से उन्हें अपने अपने जिलों के लिए पहुंचाया जा रहा है। जहां उन्हें 21 दिनों के लिये बने कोरेनटाइन सेंटरो में रखा जायेगा.
रोहतास से विकाश चंदन की रिपोर्ट