सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन के मामले की शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। शुक्रवार को सरकार की ओर से जेल से बाहर रहने वाले कैदियों के लिए एसओपी जेल आईजी को पेश करना है।
गृह विभाग को भी शपथपत्र दाखिल कर यह बताना होगा कि इस एसओपी को कब तक मंजूरी मिलेगी। लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट भी रिम्स की ओर से कोर्ट में पेश की जाएगी। 22 जनवरी को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने इन सभी बिंदुओं पर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।
पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जेल के बाहर कैदियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया था जेल से बाहर रहने वाले कैदियों के जो भी अभिरक्षा प्रभारी होंगे, उन्हें रजिस्टर मेंटेन करना होगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी सुरक्षा की क्या व्यवस्था है।
जेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि रिम्स में अभी तीन शिफ्ट में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति भी की गई है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया था कि मजिस्ट्रेट की नियुक्ति क्यों की गई है। इससे प्रतीत होता है कि ज्यादा भीड़-भाड़ होती होगी। इस पर जेल प्रशासन का कहना था कि भीड़ नहीं होती है। अस्पताल परिसर में यदि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जाए, तो उससे निपटने के लिए मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि एसओपी में यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस के कोई वरीय अधिकारी निरीक्षण करने जाएंगे या नहीं। इसका प्रावधान क्यों नहीं किया गया है। बाहर से भोजन लाने और मुलाकात करने वालों के बारे में भी स्पष्ट जानकारी एसओपी में नहीं दी गई है।
कोर्ट ने कहा कि कोई भी एसओपी किसी खास व्यक्ति के लिए नहीं बननी चाहिए। एसओपी के प्रावधान सभी पर लागू होंगे, इसलिए उसी अनुसार एसओपी बननी चाहिए। इस पर जेल प्रशासन की ओर से कहा गया कि वह प्रावधानों को और स्पष्ट कर संशोधित एसओपी तैयार कर गृह विभाग के पास मंजूरी के लिए भेजेगा। इसके लिए उसे दो सप्ताह का समय चाहिए।