सिटी पोस्ट लाइव : राजनगर प्रखंड के आरटीपीएस कर्मी कार्यपालक सहायक ऑफिस में काम करने से डरते है। पदाधिकारी के द्वारा समस्याओं को अनदेखी की किया जा रही है। जब सुशाशन बाबू के सरकारी भवन इतनी जर्जर है, तो आम लोगो का क्या हाल होगा? यह विकास कार्यो पर सवाल क्या नही खड़े होने चाहिए? एक तरफ विकास कार्यों ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जबकि कार्यपालक सहायक के द्वारा वर्षो से लिखित कम्पेलन देने बाद भी मामले को संज्ञान क्यू नहीं लिया जा रहा है?
इस बाबत राजनगर प्रखंड के आरटीपीएस के कार्यपालक सहायक कुमार निशा बताते हैं कि ऑफिस का खिड़की टूटा है, और सर के ऊपर से छत का चटान गिरता है। कई बार कर्मी घायल होने से बचे है। छत का जर्जर हालत देख रूह कापने लगते है। ऑफिस आवर में यदि वारिश हो तो कम्प्यूटर, मोनीटर, सहित कीमती कागजात सहित बिजली शॉट सर्किट तक होने लगते है। सभी कर्मी दफ्तर में डरे-डरे से रहते है। मजबूरी है हम लोगों का कि हमलोग सरकारी कर्मी है। इसलिए शायद हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।