मेदिनीनगर शहर का जल स्तर तेजी से नीचे खिसकता जा रहा है
सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: पलामू जिले में भू-गर्भ जल स्तर के खतरनाक स्थिति में पहुंच जाने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले एक दशक में हुई अंधाधुंध डीप बोरिंग से पलामू जिले का पाताल लोक (भू-गर्भ जल) तबाह हों गया है। जल स्तर तेजी से नीचे खिसकता जा रहा है। स्थिति यह है कि घरों में करायी गयी बोरिंग भी दो से छह माह के भीतर ही फेल हो जा रहाा है। पानी को लेकर शासन-प्रशासन भी गंभीर नहीं दिख रहा। यदि इस दिशा में कोई गंभीर पहल नहीं हुई तो आने वाले वर्षों में पलामू के कई क्षेत्रों में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो सकता है। पलामू में पिछले तीन 7 वर्षों से डीप बोरिंग का काम हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 2000 से 2500 डीप बोरिंग हो चुकी है और डीप बोरवेल रात-दिन शहर में काम कर रहा है। जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में सप्लाई कनेक्शन में मोटर लगा देने से भी भू-गर्भ जल स्तर पर भी असर पड़ा है। निर्णय हुआ था कि जिस एरिया में जिस समय पानी की सप्लाई की जायेगी, उस समय उस क्षेत्र की बिजली काट दी जायेगी, ताकि सप्लाई कनेक्शन में कोई मोटर का इस्तेमाल न कर सके, लेकिन यह निर्णय भी खोखला साबित हुआ। आलम यह है कि कनेक्शनधारियों द्वारा मोटर के जरिये धड़ले से सप्लाई का पानी खींचा जा रहा है। राज्य गठन के बाद बड़ी तेजी से विभिन्न गलियों-मुहल्लों में पीसीसी सड़कों का तेजी से निर्माण किया गया था, जो प्रमुख कारण है भू-गर्भ जल स्तर के नीचे जाने । वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों के अनुसार अलकतरा से बनी सड़क में बरसात के दिनों में पानी जमीन के अंदर प्रवेश कर जाता है लेकिन ढलाई वाली सड़क पानी को अंदर जाने से रोकती है। इससे भी जल स्तर तबाह हुआ है।