अस्पताल निर्माण की राशि सरकार खर्च करेगी या टाटा समूह, बात स्पष्ट होनी चाहिए : मरांडी
अस्पताल निर्माण की राशि सरकार खर्च करेगी या टाटा समूह, बात स्पष्ट होनी चाहिए : मरांडी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा रांची में कैंसर अस्पताल के शिलान्यास का पार्टी स्वागत करती है, राज्य के नागरिकों को इसका लाभ मिले, इससे बेहतर किसी के लिए और क्या हो सकता है। इन सबके बीच राज्य सरकार को टाटा समूह व सरकार के बीच हुए करार में तय तमाम बातों को राज्य की जनता के समक्ष रखनी चाहिए। सरकार टाटा को अस्पताल के लिए निःशुल्क जमीन मुहैया करा रही है। अगर टाटा समूह व सरकार सभी कुछ पारदर्शी तरीके से करती है तो इससे किसी को भला क्या आपत्ति हो सकती है। सरकार को यह स्पष्ट करनी चाहिए कि अस्पताल निर्माण में जो राशि खर्च होगी, उसे सरकार खर्च करेगी या टाटा समूह। इसी प्रकार लोगों का इलाज निःशुल्क होगा या राशि लगेगी। अगर राशि लगेगी तो अनुमानित ही सही कितनी खर्च करनी होगी। इसी प्रकार अन्य तमाम बातों को पूरी पारदर्शिता से जनता के समक्ष रखने की जरूरत है। कहने का तात्पर्य है कि अगर लोकहित का हवाला देकर जमीन वगैरह निःशुल्क दिया जा रहा है तो चिकित्सा भी सेवा भाव व जनहित वाला ही रहे। ऐसा सवाल मेरे या जनता के मन में क्यों तैर रहे हैं, इसके लिए आप सबों को थोड़ा पीछे जाना होगा। बाबूलाल मरांडी ने बताया कि वे 19 अगस्त 2005 को टिस्को लीज भूमि का 01 जनवरी 1996 से अगले 30 वर्षो के लिए हुए नवीकरण के राज्यादेश की बात कर रहे हैं। इसके राज्यादेश के मुताबिक टाटा समूह ने सरकार के साथ कई करार किये थे। इसके मुताबिक टिस्को द्वारा राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता 2007 के काम्पलेक्स व इन्फ्रास्ट्राक्चर निर्माण के लिए 150 करोड़ रूपये दिया जायेगा। इस संदर्भ में छानबीन करने पर पता चला है कि टिस्को ने 150 करोड़ की बजाय केवल 50 करोड़ रूपया ही दिया है। वहीं अगले करार के मुताबिक टिस्को राज्य के बी0पी0एल0 परिवारों के लिए चिकित्सा बीमा योजना की प्रीमियम राशि प्रतिवर्ष 25 करोड़ भुगतान करेगी। यानि 1996 से लेकर साल 2018 तक 23 वर्षो में टिस्को द्वारा झारखंड सरकार को कुल 575 करोड़ रूपये भुगतान करना था। पता करने पर जानकारी मिली है कि पिछले तीन वर्षो से 25-25 करोड़ करके अब तक केवल 75 करोड़ की राशि ही टिस्को द्वारा सरकार को दी गई है। यानि 500 करोड़ बीपीएल परिवार वाला के लिए बीमा की प्रीमियम राशि व 100 करोड़ राष्ट्रीय खेल 2007 के काम्पलेक्स व इन्फ्रास्ट्राक्चर निर्माण की राशि टाटा के पास राज्य सरकार का अब भी बकाया है। दोनों को मिला दिया जाय तो कुल 600 करोड़ की राशि टाटा के पास राज्य सरकार का बकाया है। अब सरकार को इस बात को स्पष्ट करनी चाहिए कि कहीं इसी बकाये राशि को लेकर ही टाटा समूह के साथ कोई गुप्त समझौता तो नहीं हुआ है कि टाटा बकाये राशि से ही अस्पताल निर्माण करा दे और राज्य की जनता गुमराह होती रहे कि टाटा ने जन सेवा के तहत कार्य किया है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर दोनों की कितनी व कैसी भागीदारी इसके निर्माण में होगी, तमाम पहलुओं को जनता के समक्ष रखनी चाहिए। वहीं पूर्व के बकाये राशि की वसूली पर भी सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए। सभी बिन्दुओं पर सरकार को जवाब देनी चाहिए। हमें सरकार के जवाब का इंतजार रहेगा। इस दौरान प्रेसवार्ता में केन्द्रीय सचिव सरोज सिंह व केन्द्रीय प्रवक्ता योगेन्द्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।