जुर्माने के खिलाफ पत्थर उद्योगपतियों ने हाईकोर्ट में लगायी गुहार
सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़: पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के आरोप में एनजीटी के निर्देश पर खनन विभाग ने जिले के ढाई सौ पत्थर उद्योगपतियों को 690 करोड़ रूपए का जुर्माना भरने का नोटिस जारी किया है। इसके खिलाफ जिले के पत्थर उद्योगपतियों हाईकोर्ट में गुहार लगायी है। पत्थर उद्योगपति किशोर कुमार खेमानी हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएँगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एनजीटी ने पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के आरोप में पाकुड़ व दुमका के सैकड़ों पत्थर उद्योगपतियों के खिलाफ करोड़ों रूपए का जुर्माना लगाया है, जिसके मद्देनजर दोनों जिलों के पत्थर उद्योगपतियों ने हाईकोर्ट में गुहार लगायी है।इसके अलावा एनजीटी में भी इसके खिलाफ चार आवेदन दिए गए हैं। दरअसल खनन पट्टाधारियों पर जुर्माना तय करने के साथ ही पंद्रह दिनों के अंदर राशि जमा करने का निर्देश दिया गया था।
लेकिन पट्टाधारियों ने नोटिस को ही अवैध ठहराते हुए कहा है कि हमने वैध तरीके से खनन किया है ।तो फिर जुर्माना किस बात का।उन्होंने कहा कि जुर्माना की प्रक्रिया नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। बगैर हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिए सीधे नोटिस जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि एनजीटी के प्रधान बेंच ने जिले के ढाई सौ पत्थर उद्योगपतियों को 690 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है ।जिनमें से 132 चालू खनन पट्टे से संबंधित हैं,जबकि 118 मामले बंद पत्थर खदानों से। उधर क्वायरी ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव बृजलाल मध्यान ने बताया कि हमने उक्त नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।