STET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पटना में रिक्ति को लेकर आमरण अनशन शुरू

City Post Live - Desk

STET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पटना में रिक्ति को लेकर आमरण अनशन शुरू

सिटी पोस्ट लाईव : बिहार में छठे चरण के तहत शिक्षक नियोजन में हाई स्कूल में सोशल साइंस और उच्च माध्यमिक विधालय में इतिहास विषय में रिक्ती नहीं होने के विरोध में एसटीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों का आन्दोलन आमरण अनशन के साथ ही शुरू हो गया है । सोमवार को पटना के गर्द्नीबाग में बिहार के विभिन्न जिलों से काफी संख्या में आए STET उतीर्ण अभ्यर्थियों ने कहा की जब तक राज्य सरकार 2019 तक के 5520 उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों की सभी रिक्तियों को जोड़कर छठे चरण का नियोजन नहीं करती है आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन जारी रहेगा ।

आपको बता दें की छठे चरण के शिक्षक नियोजन को लेकर stet अभ्यर्थियों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। अभ्यर्थियों ने नीतीश कुमार पर इस बहाली को लेकर केवल खानापूर्ति करने का आरोप लगाया है । नियोजन के लिये पिछले कई वर्षों से दर-दर कि ठोकरें खा रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री कृष्णन्दन वर्मा विधानमंडल में मॉनसून सत्र के दौरान बड़े पैमाने पर रिक्ती देने की बात कही थी लेकिन अब उनका वह बयान केवल जुमला साबित हो रहा है।

मालूम हो की बिहार में शिक्षक बहाली प्रकिया को लेकर अब मात्र कुछ दिन ही बचे हैं । इसके लिये सारी प्रक्रिया जोर-शोर से पूरी की जारी है। सभी जिलों से रिक्तियों की माँग की गई है और कई जिलों ने रिक्तियां भेज भी दी हैं । जिन जिलों से अभी रिक्तियां नहीं आई हैं वहाँ से भी जल्द भेज दी जाएंगी। लेकिन मामला इतिहास एवं सोशल साइंस में न के बराबर रिक्तियों को लेकर ही फंस रहा है।

दरअसल बिहार में 2011 में STET,शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था ।परीक्षा का परिणाम जून 2012 में घोषित किया गया था। नीतीश सरकार ने उस समय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की लगभग 17,500 शिक्षकों की बहाली करने का निर्णय लिया। इस रिक्ती के विरुद्ध में पाँच चरणों में शिक्षकों की बहाली की गई। लेकिन नियोजन की प्रक्रिया इतनी जटिल रखी गई है कि इन सभी सीटों को कई वर्षों के बाद भी भर पाना मुश्किल है। अब सरकार छठे चरण में शिक्षकों का नियोजन इन बचे -खुचे सीटों पर ही करना चाहती है जिसका अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं क्योंकि आर्ट्स में रिक्ती न के बराबर बची है।

वहीं एसटीईटी शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण अभ्यर्थियों की माँग है की आवेदन ऑनलाइन लिया जाय और एक अभ्यर्थी एक आवेदन लिया जाय्। अर्थात नियोजन को सेंटरलाईज किया जाय्। उनकी दूसरी प्रमुख माँग यह है की सरकार 2019 तक के 5520 उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों की सभी रिक्तियों को जोड़कर छठे चरण का नियोजन करे ।

इस आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे STET पास अभ्यर्थी संघ के संरक्षक आदित्य नारायण पाण्डेय एवं अध्यक्ष धनंजय कुमार का इस मुद्दे पर कहना है कि सरकार सबकुछ जानकार भी वोट के लोभ में यह सब कर रही है। बहाली के माध्यम से वह केवल अपना प्रचार करना चाहती है।सरकार से लेकर अधिकारियों तक हमलोगों ने कई बार यह माँग की है की बिना रिक्ती के बहाली का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा की जिलों से जो रिक्तियां आई है आप स्वयं देख सकते हैं।खासकर सोशल साइंस और उच्च विधालयों में इतिहास के रिक्तियों को देखने से यह पता चल जायेगा । इन दोनों विषयों में रिक्तियां नगण्य हैं ।अब इन सारी माँगों को लेकर अभ्यर्थी भी सरकार से आर -पार के मूड में आ गये हैं और 19 अगस्त से STET पास अभ्यर्थियों ने धरना -प्रदर्शन एवं अनशन शुरू कर दिया है।

जे. पी चंद्रा की रिपोर्ट

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