अप्रैल से चलाएं जन्म-मृत्यु पंजीकरण का व्यापक अभियान: डीके तिवारी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने अप्रैल में राज्य में जन्म और मृत्यु पंजीकरण का व्यापक अभियान चलाने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया है। मुख्यसचिव ने झारखंड मंत्रालय में अंतर विभागीय समन्वय समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में सभी उपायुक्त को इसे युद्धस्तर पर क्रियान्वित कराने का निदेश दिया। यह अभियानपूरे अप्रैल माह चलेगा।उन्होंने कहा कि विकास योजना बनाने में वास्तविक जनसंख्या की जानकारी आवश्यक है। अभी राज्य में 25 प्रतिशत जन्म पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। यानी हम लगभग दो लाख बच्चों के वास्तविक आंकड़े के बिना योजना बना रहे हैं। वहीं 60 प्रतिशत मृत्यु पंजीकरण नहीं हो पा रहा है।
स्कूलों में नामांकन के समय जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता बताएं
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि स्कूलों में नामांकन में जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता से अभिभावकों को अवगत कराएं। जिन बच्चों का नामांकन बिना जन्म प्रमाण पत्र के हो, वहां के शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि एक तय समय में पंजीकरण के लिए निबंधक को सूचना दें। उन्होंने इसे अति महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस अभियान में शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, सहिया, एएनएम, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक आदि की सेवाएं लें।
मुख्य सचिव ने जन्म व मृत्यु पंजीकरण से होने वाले लाभ से आम लोगों को जागरूक करने के लिए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नवजात बच्चों को आधार से भी जोड़ने की जरूरत है। मुख्य सचिव ने गुमला जिले को पायलट प्रजोक्ट के रूप में अपनाने का निर्देश दिया। जन्म पंजीकरण के मामले में गुमला जिला राज्य में सबसे नीचे के पायदान पर है। गुमला में इसका औसत महज 21.90 प्रतिशत है।