सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोहराबुद्दीन शेख समेत अन्य के मामले में अदालत की सीबीआई पर की गयी तल्ख टिप्पणी के मद्देनजर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से देश से माफी मांगें जाने की मांग की है। दास ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत की टिप्पणी के बाद सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत ने सच का सच और झूठ का झूठ फैसला कर दिया। उन्होंने कहा कि सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति और कौशर बीबी की कथित तौर पर हत्या के मामले में आये अदालत के आदेश में कहा गया है कि सीबीआई की पूरी जांच में किस तरह नेताओं को फंसाने के लिए कहानी गढ़ी गयी थी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसजे शर्मा ने सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी जांच किसी तरह राजनेताओं को फंसाने के क्रम में गढ़ी कहानी पर केंद्रित थी। सीबीआई ने किसी तरह साक्ष्य तैयार किया और आरोप पत्र में गवाहों का बयान आपराधिक दंड प्रक्रिया की धारा 161 या 164 के तहत दर्ज किया गया और झूठा बयान पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि यह साफ प्रतीत होता है कि सीबीआई सच का पता लगाने से कहीं ज्यादा पहले से गढ़ी गयी कहानी को सही ठहराने की कोशिश में जुटी थी। दास ने कहा कि 13 साल पुराने यह हाई प्रोफाइल मुकदमे में 21 दिसम्बर को आये फैसले में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया गया, जिनमें गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के 21 पुलिसकर्मी शामिल हैं। न्यायाधीश ने अपने फैसले में सीबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि जांच में गवाहों के गलत बयान रिकार्ड किये गये और एजेंसी सच का पता लगाने के बजाये कुछ और कर रही थी। न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई जैसी प्रमुख एजेंसी किस तरह राजनेताओं को फंसाने के लिए गढ़ी हुई कहानी पर काम कर रही थी और उसने कानून के अनुसार जांच करने के बजाये, वही किया जो उसके लक्षित कहानी के लिए करना जरूरी थी। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि यदि एनकाउंटर फर्जी था, तो इसमें कोई गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश तक की पुलिस को कैसे मैनेज किया गया। स्पष्ट है कि जांच को इस दिशा में जान बूझकर मुड़वाया गया, ताकि इसका झूठा आरोप अमित शाह और कुछ ईमानदार पुलिस अधिकारियों पर मढ़ा जा सके। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का मानना है कि इन आतंकियों का एनकाउंटर नहीं होता, तो गुजरात देश का दूसरा कश्मीर बन जाता। उन्होंने कहा कि क्या इसका इंतजार किया जाता कि आतंकी अपने मंसूबे में सफल हो जायें और हम बस आतंकी घटनाओं की निंदा करते रहें। अपने शासन वाला महाराष्ट्र के थाने में सोहराबुद्दीन शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कांग्रेस सीबीआई के जरिये सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर को फर्जी साबित करने में लगी रही और इसके लिए उसने सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया।
दास ने कहा कि इशरत जहां मामले में भी तत्कालीन सोनिया मनमोहन सरकार ने भाजपा को बदनाम करने की साजिश रची थी, जबकि इशरत जहां का नाम लश्कर ए तैयबा के वेबसाइट पर भी था। इशरत की पूरी सच्चाई मुम्बई 26/11 के आरोपित आतंकी डेविड कालमेन हेटली ने अपने बयान में बता दिया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि तत्कालीन कांग्रेस संचालित यूपीए सरकार किस तरह मुस्लिम तुष्टीकरण व वोट बैंक के लिए आरोपित आतंकवादी इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख के लिए आंसू बहाते हुए ईमानदार व कर्मठ पुलिस अधिकारियों तथा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का एनकाउंटर करने में जुटी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को फंसाने के लिए खतरनाक अपराधी के नाम पर राजनीति तब भी कर रही थी और आज भी कर रही है क्योंकि कांग्रेस का स्वभाव है। उन्होंने कहा कि आतंकी की फांसी रोकने के लिए आधी रात को अदालत का दरवाजा खटखटाना, आतंकी की मौत पर रात-रात भर सोनिया गांधी का आंसू बहाना अपनी सरकार बनवाने के लिए खुलेआम पाकिस्तान की मदद मांगना, आतंकियों को शांति दूत बताना, अपने आर्मी चीफ को सड़क का गुंडा बताना कांग्रेस के ऐसे ही कुछ उदाहरण है।