सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मकर संक्रांति नजदीक आते ही तिलकुट की सोंधी-सोंधी खुशबू भाने लगती है। तिलकुट की मांग बढ़ने से इसके बनाने वालों के हाथों मे गजब की तेजी आ जाती है। वैसे तो तिलकुट सालोंभर बनते और बिकते हैं ..लेकिन, मकर संक्रांति नजदीक आते ही इसकी मांग बढ़ जाती है। तिलकुट के कारीगर दिनरात इसके निर्माण मे जुट जाते हैं। अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए ये कारीगर अपनी मेहनत मे कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते। तिलकुट को लजीज बनाने का राज कारीगरों की मेहनत ही है। तिलकुट को सोंधा और खस्ता बनाने के लिए तिल को खुब भूना और कुटा जाता है।
तिलकुट स्वाद से भरपूर होने के साथ-साथ सेहत का खजाना भी है। खासकर ठंड के मौसम मे इसे खाने का अलग ही मजा है। तिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो शरीर से कोलेस्ट्रोल को कम करता है। दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। इसीलिए, ठंड के मौसम मे लोग जमकर तिलकुट का सेवन करते हैं।