सिटी पोस्ट लाइव : नवादा जिला के रजौली प्रखंड के संगत पहुंचे धार्मिक न्यास परिषद बिहार की कुछ नीतियों का विरोध करने और अपने संगठन को मजबूत करने के लिए साधु संतों की टोली, बिहार के उदासीन मठ का दौरा कर संगठन को मजबूत करने का काम कर रही है. रविवार को रजौली संगत मैं उदासीन महामंडल के प्रबंधक समिति के सदस्य पहुंचे जहां रजौली संगत के महंत भोला बक्स दास से मुलाकात कर संतो ने आवश्यक चर्चा की. महंत भोला बक्स दास और उनके शिष्य निशांत कुमार उर्फ मुनि दास ने सभी संतो का माला पहनाकर स्वागत किया और उन लोगों की बात ध्यान पूर्वक सुने.
उन्होंने कहा कि महामंडल का जो भी निर्णय होगा मैं उनके साथ हूं. महामंडल प्रबंधक समिति के सचिव स्वामी जगदीश स्वरूप जी ने कहा कि धार्मिक न्यास परिषद बिहार सरकार हमारे संगत मठ मंदिर के पूर्ण अधिकार को खत्म कर हमारे परंपरा के विरुद्ध काम कर रही है, जो गलत है. उसी को लेकर जगह-जगह उदासीन मठ में साधु-संतों को जागरूक करने की बैठक की जा रही है. इस बैठक में मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर के महंत स्वामी हरेंद्र आनंद जी हिलसा से महंत कृष्णा दास तारापुर से महंत सागर दास मधुबनी से महंत पंचम दास के अलावे गणेश दास राम चरण दास स्वामी विवेक मुनि जी परमेश्वर दास दयानंद मुनि प्रकाश दास के अलावे कई साधु संत अपने संगठन की परंपरा बचाने के लिए रजौली संगत पहुंचे थे.
रजौली संगत में पत्रकारों को बताया कि प्रवक्ता उदासीन महामंडल प्रबंधक समिति सह प्रभारी विश्व हिंदू अखाड़ा समिति के महंत दयानंद मुनि ने बताया कि मंदिरों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक उतरने का आह्वान किया महंत ने बताया कि हिंदू धर्म स्थल मठ मंदिर संगत और गुरुद्वारों पर हावी सरकार परंपरागत रीति रिवाज और मान्यता को ठोकर मार दी है. सभी सभी साधु संतों के आश्रम मठ मंदिर संगत विभिन्न प्रकार के धर्म स्थलों जिसे साधु-संतों ने अपना निवास स्थान पूजा पद्धति जन कल्याण हेतु वर्षों पहले स्थापित किया था. सरकार उन परंपराओं को खंडन कर रही है बिहार सरकार धार्मिक न्यास परिषद और बिहार सरकार के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान से स्पष्ट होता है कि बिहार में हिंदू धर्म के परंपरागत साधु संतों को महंत की परंपरा से वंचित केवल न्यासधारी और ट्रस्ट के रूप में काम करना होगा.
मठ की गरिमा और उनके ऊपर का विश्वास के साथ मठ मंदिर की भूमि को राष्ट्र की संपत्ति बताने का निर्णय लिया गया है. महंत दयानंद मुनि ने कहा कि सरकार का रवैया पैसा कमाना है, ना कि साधु-संतों की सुरक्षा 40 वर्षों मैं किसी भी मठ मंदिर का कोई विशेष व्यवस्था न्याय परिषद या बिहार सरकार ने नहीं किया है, ना ही बिहार के साधु-संतों को सरकार की कोई विशेष योजना प्राप्त हुआ है और बड़े-बड़े संगत मठ आज खंडहर में तब्दील हो गया है. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि साधु संतों को निवास स्थान को सुरक्षित रखा जाए और हम लोग अपने परंपरागत को चलाने में कामयाब रहे.
नवादा से दिनेश गुप्ता के साथ सनोज कुमार संगम का रिपोर्ट