कुव्यवस्था से लबरेज है कटिहार का सदर अस्पताल, गरीब मरीजों से की जाती है पैसे की उगाई

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : कटिहार ज़िले का मुख्य अस्पताल सदर अस्पताल आये दिन विवादों के घेरे में रहता है, अगर मरीज की स्थिति गम्भीर हो तो न तो उन्हें उचित इलाज मिल पाता है न ही कोई मुक्कमल व्यवस्था हो पाती है. ऊपर से आशा कार्यकर्ता सुलेखा जो कि ग्रामीण की आशा है और वो नगर निगम के वार्ड संख्या 17 में घुस कर किसी भी तरह मरीज के परिजनों से पैसे की उगाई में लगी रहती है. ताजा मामला कटिहार के भगवान चौक की रहने वाली चानो देवी की है जब पीड़िता चानो देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उनके परिजनों द्वारा उन्हें सदर अस्पताल लाया गया.

लेकिन डॉक्टर की लापरवाही और उचित इलाज नहीं हो पाने के कारण प्रसव के पूर्व ही उनके बच्चे की मृत्यु पेट में ही हो गयी, और तो और परिजनों की माने तो आशा कर्मी सुलेखा द्वारा मरीज के परिजन से 6 हजार रुपये की मांग की गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर इलाज के पूर्व ही उसे उच्च चिकित्सा के लिए दूसरे जगह रेफर कर दिया इस बात को लेकर परिजनों ने सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर जम कर बबाल काटा, वही अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले पर गोल मोल जबाव देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे, जरूरत है अस्पताल के डॉक्टर और स्वास्थ कर्मी मानवीय संवेदना का परिचय दे और मरीजों का बेहतर इलाज करें. ताकि गरीब मरीजो को थोड़ी राहत मिल सके सदर अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है.

कुछ ही दिनों पूर्व ही परतेली के नंदनी कुमारी की मौत लापरवाही के कारण हो गई थी. जिसके बाद नंदनी कुमारी के परिजनों ने भी आशा कार्यकर्ता पर मोटी रकम देने का आरोप लगाया था. आशा कार्यकर्ता को लेकर सदर अस्पताल आए दिन सवालों के घेरे में रहती है. हद तो तब हो गई मरीज जानू देवी अपने हाथों में सलाइन की बोतल अपने हाथों में लेकर इधर उधर भटक रही थी और अपना दुखरा बयां कर रही थी अब देखने वाली बात यह है कि कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा क्या कुछ ठोस कार्रवाई करते हैं.

कटिहार से रतन कुमार की रिपोर्ट

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