रामगढ़: गैस पाइप लाइन योजना से ग्रामीणों को कोई खतरा नहीं

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रामगढ़: गैस पाइप लाइन योजना से ग्रामीणों को कोई खतरा नहीं

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी गैस पाइप लाइन योजना से किसी भी ग्रामीण को कोई भी खतरा नहीं है। यह बात गोला के अंचल अधिकारी दीपक दुबे कि जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है। गुरुवार को अंचलाधिकारी ने डीसी को यह जांच रिपोर्ट भेज दी है।

विदित हो कि गोला प्रखंड अंतर्गत रायपुरा गांव में पिछले पांच दिनों से गेल कंपनी का गैस पाइप लाइन निर्माण कार्य ठप पड़ा है। इस मामले को लेकर ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन ने डीसी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। कंपनी के परिसंपत्ति प्रबंधन राजेंद्र प्रसाद पांडे ने 11 फरवरी को डीसी से कहा था कि सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना समय पर पूरा नहीं हो पा रही है। रायपुरा गांव में ग्रामीणों के द्वारा बेवजह उनके काम को रुकवाया जा रहा है। वहां कुछ लोगों के द्वारा राजनीति की जा रही है। इस मामले पर तत्काल डीसी ने गोला अंचल अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। उनके निर्देश पर गोला अंचलाधिकारी दीपक दुबे ने उस गांव में जांच की। उन्होंने देखा की आबादी वाले इलाके से काफी दूर पाइप लाइन योजना चल रही है, जहां तक बात जान के खतरे की है, तो ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरीके से बेबुनियाद हैं।

उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि कुछ ग्रामीण अपनी जमीन का वैल्यू कम होने की बात कह रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उस गांव में कोई भी नौकरी पेशा नहीं है। सभी लोग कृषि पर आधारित हैं। अगर उनके खेतों से गैस पाइपलाइन बिछाई जाती है, तो ना सिर्फ उनके जमीन की कीमत कम हो जाएगी, बल्कि उन्हें खुद भी काम करने में काफी दिक्कत होगी। ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तब तक वह गैस पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू नहीं होने देंगे।

सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वाले नेता बीनू महतो पर प्राथमिकी

सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वाले और रंगदारी मांगने वाले एक नेता बीनू महतो पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। गोला अंचल अधिकारी दीपक दुबे ने गोला थाना प्रभारी को गुरुवार को एक पत्र लिखा है, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा है कि गैल कंपनी के द्वारा गैस पाइप लाइन योजना का काम किया जा रहा है। इस योजना के तहत गोला प्रखंड के रायपुरा गांव में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गलत तरीके से सरकारी काम को रोका गया है। बीनू महतो ने वहां ग्रामीणों को गलत तरीके से समझा बुझाकर लगातार उकसाने का प्रयास किया है। बीनू महतो ने कंपनी के अधिकारियों से रंगदारी भी मांगी है।

गेल और ओएनजीसी के दबाव में प्रशासन कर रहा काम : बीनू

इस पूरे प्रकरण पर रायपुरा गांव निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता बीनू महतो ने जिला प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि गैल और ओएनजीसी के दबाव में आकर रामगढ़ जिला प्रशासन उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रहा है। गुरुवार को प्रशासन के इस रवैए के खिलाफ गांव में महिलाओं ने बैठक बुलाई। वहां उन लोगों ने कहा कि वह किसी विकास योजना के खिलाफ नहीं है। बल्कि वे लोग खुद गांव के बाहर इस पाइप लाइन योजना को पूरा करने के लिए जमीन देने को तैयार हैं। गैल कंपनी इस बात पर अड़ी हुई है कि उनके खेतों से होकर ही पाइपलाइन गुजारेंगे। इस मामले को लेकर डीसी व अन्य अधिकारियों को पहले ही आवेदन दिया जा चुका था। लेकिन अब लगता है ग्रामीणों को अपने न्याय के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पत्राचार करना पड़ेगा।

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