रांची : सरकार गरीबों को अतिरिक्त राशन कार्ड उपलब्ध कराने के साथ अनुदानित दर पर सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत वस्त्र उपलब्ध करा रही है। इस योजना से राज्य के लाखों बीपीएल धारियों को लाभ मिल रहा है। योजना के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। लाभुकों को साल में दो बार इस योजना के तहत 10 रुपये में धोती, साड़ी या लूंगी दिया जा रहा है। योजना शुरू होने के बाद से अबतक 88 प्रतिशत जरूरतमंदों को योजना का लाभ दिया गया। राज्य के 57.11 लाख परिवार को योजना के तहत लाभान्वित करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है।
मुख्यमंत्री आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम में लाभुकों को धोती- साड़ी प्रदान कर उनसे संवाद भी कर रहे हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीणों को इस योजना की जानकारी दें और लाभ देना भी सुनिश्चित करें। राशन दुकानदारों को शिविर लगाकर वस्त्र वितरण करने का आदेश दिया गया है, ताकि योजना का लाभ सभी को मिल सके। मालूम हो कि विगत दो वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। इन सभी योजनाओं को तेजी के साथ धरातल पर उतारा जा रहा है। इस कड़ी में धोती- साड़ी वितरण योजना को फिर से शुरू किया गया है।
अन्य को भी शामिल करने का प्रस्ताव हुआ स्वीकृत
राज्य सरकार द्वारा “सोना-सोबरन घोती-साड़ी वितरण योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित राज्य के सभी पात्र गृहस्थ एवं अन्त्योदय अन्न योजना के लामुक परिवारों के अतिरिक्त झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक परिवारों को भी योजना से आच्छादित किए जाने की स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी है। झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत (जेएसएफएसएस ) लाभुकों की अधिकतम निर्धारित सीमा 15 लाख है। वर्तमान में झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत 13,04,093 लाभुक एवं 4, 38, 989 परिवार (परिवर्तनशील) है।
इसके आधार पर योजनान्तर्गत 15 लाख लाभुक होने की स्थिति में परिवारों की संख्या 5,05,050 होना संभावित है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित लाभुकों की अधिकतम संख्या 2,64,25,385 है, जिसके अन्तर्गत परिवारों की संभावित संख्या 58,97,561 हैं। इस प्रकार आइएसएफएसएस योजना के लाभुक परिवारों को सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना में शामिल किए जाने के उपरान्त लाभुक परिवारों की संभावित कुल संख्या 64,02,611 (परिवर्तनशील) हो गई है।