बिना कोचिंग के आईएएस में सफलता का उदाहरण हैं प्रियांक किशोर

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सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग: वर्तमान समय में थोड़ी से भी सफलता के लिए लोग कोचिंग को आधार मानते हैं, लेकिन अभी भी ऐसे लोग हैं, जो स्वयं की मेहनत के बल पर न केवल सफलता पाते हैं, बल्कि कोचिंग के बिना सफलता प्राप्त की जा सकती है, इसकी प्रेरणा अन्यों को देते हैं। यही उदाहरण प्रस्तुत किया है हजारीबाग में ही पुलिस उपाधीक्षक के रूप में कार्यरत कमल किशोर के पुत्र प्रियांक किशोर ने। वे यूपीएससी में 61 वां रैंक लाकर आईएस बने हैं। पुलिस उपाधीक्षक कमल किशोर ने बताया कि बिना कोचिंग के भी कोई सफलता प्राप्त कर सकता है, इसका उदाहरण उनका पुत्र प्रियांक किशोर है। उसने कहीं से कोई कोचिंग नहीं की, अपनी मिहनत के बल पर सफल हुए। वे पिछली बार भी सफल हुए थे, लेकिन 274वां रैंक रहने के कारण पुलिस कैडर में गए और वर्तमान में प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में शिमला में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनके आईएएस में चयन के बाद पिता कमल किशोर एवं मां शालिनी पांडे बेहद खुश हैं। दादी सुमित्रा पाण्डेय की आंखों में भी खुशी के आंसू है। मां शालिनी पांडे ने कहा कि उनका एवं उनके बेटे का सपना आज पूरा हुआ है। यह उसकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। पिता कमल किशोर ने कहा कि किसी भी अभिभावक के लिए बेटे की इस प्रकार की सफलता पिता और परिवार के गर्व को ऊंचा करता है।
संत जेवियर रांची से 10वीं किया है प्रियांक किशोर ने
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होकर आईएएस बनने वाले प्रियांक किशोर ने संत जेवियर रांची से 10वीं किया है। 12वीं की पढ़ाई डीएवी श्यामली रांची से पूरी की। इसके बाद वे रामजस कालेज दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। दिल्ली स्कूल आफ इकानामिक्स से उन्होने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है।
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