सकारात्मक सोच, कठिन परिश्रम और धैर्य है सफलता की कुंजी : आनंद कुमार
सिटी पोस्ट लाइव : जीवन में सफल वहीं होता है, जो सपने देखता है और उसे पूरा करने के लिए ऊंची सोच रखता है। तभी वह सक्सेसफुल इंसान बनता है। सकारात्मक सोच, कठिन परिश्रम और मुसीबतों में धैर्य ही सफलता की कुंजी होती है। उक्त बातें राजधानी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में “सिविल सर्विसेज़ परीक्षा में कैसे सफलता पायें” विषय पर पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मेगा आइ ए एस सेमिनार के दौरान सुपर 30 के फ़ाउण्डर आनंद कुमार ने छात्रों से कही। उन्होंने अपनी हाल में रिलीज भी को देखने की अपील करते हुए कहा कि ये मेरी जिंदगी का अनुभव है, जो आपको सुपर 30 फिल्म में भी देखने को मिलेगा।
आनंद कुमार ने कहा कि मामूली इंसान ही बड़ा आदमी बनता है। असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। किसी भी बदलाव के लिए सकारात्मक शुरूआत की जरूरत होती है। इस बीच जीवन में उतार – चढ़ाव और समस्याएं तो आती ही हैं, लेकिन ऐसे में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धैर्य बनाये रखना जरूरी है। मैंने भी अपनी लाइफ में कई समस्याओं को झेला है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि समस्याएं किसी का पीछा नहीं छोड़ती, लेकिन धैर्य से उसका सामना करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से किसी भी कार्य को दिल लगाकर करने का आह्वान किया और जीवन में संघर्षों और चुनौतियों का सामना हंसकर करने की कला सीखने पर बल दिया।
इससे पहले “ सिविल सर्विसेज़ परीक्षा में कैसे सफलता पायें” विषय पर मेगा आइ ए एस सेमिनार का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में देश के जानेमाने शिक्षाविद सह ए. एल. एस के निदेशक मनीष कुमार गौतम और सुपर 30 के फ़ाउण्डर आनंद कुमार ने विधिवत रूप से किया। इसके बाद मनीष कुमार गौतम ने सिविल सर्विस अभ्यर्थियों को सिविल सर्विस एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के लिए मूलमंत्र दिए, जिसमें उन्होंने अनुशासन, प्रतिबद्धता, समयबद्ध योजना, सकारात्मक सोच, सटीक रणनीति, पाठ्यक्रम को समझने की आवश्यकता, विगत वर्ष पूछे गए प्रश्नों का विश्लेषण, लेखन कौशल संवर्द्धन आदि पर विशेष बल दिया।
मनीष कुमार ने छात्रों से कहा कि भारत में जनसंख्या वृद्धि दर 1 मिनट 51 बच्चे का है। यानी हर साल भारत एक ऑस्ट्रेलिया इतनी आबादी पैदा करता है। उन्होंने कहा कि सिविल सर्विस के एग्जाम में अगर 10 लाख आवेदन आते हैं, तो उसमें 60 – 70 हजार ही अभ्यर्थी होते हैं, बांकी आवेदक। इसलिए संख्या से कभी घबराना नहीं चाहिए और अपनी प्रतिस्पर्धा अपनी सीट के लिए करनी चाहिए। इसके लिए स्मार्ट हार्ड वर्क की जरूरत है। इसमें लेस रिसर्च, कलेक्शन, रीडिंग, फोकस क्वालिटी, ब्रेन स्टमिंग के ऑप्टिमाइज इनपुट से मैक्सिमम आउट पुट मिलता है। उन्होंने ये भी कहा कि सिविल सर्विस में आने वालों को पहले ये भी समझने की जरूरत है कि हू आर यू। जब आप ये समझ जाते हैं, तो वही आपका बेस्ट मोटीवेशन होता है।
इस मेगा आइ ए एस सेमिनार का आयोजन देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित आई ए एस कोचिंग संस्थान ए एल एस और आई ए एस प्रा. लि. द्वारा किया गया, जिसमें बिहार के 2000 से अधिक सिविल सेवा अभ्यर्थियों ने भाग लिया। सेमिनार की अध्यक्षता ऑल इंडिया कॉरपोरेट काउंसिल फॉर स्किल डेवलपमेंट के अध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार सिंह ने की। सेमिनार में ए एल एस के छात्र रहे वर्ष 2018 की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 89 रैंक लाने वाले बिहार के गौरव सवान कुमार और वर्ष 2018 की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 703 रैंक लाने वाले जयेश कुमार ने भी छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उनके सवालों का जवाब दिया।
इस सेमिनार में पटना के प्रतिष्ठित कॉलेजों के प्राचार्य, विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद आदि शामिल हुए, जिनमें प्रो डा के.सी सिन्हा, प्रिन्सिपल पटना साइंस कॉलेज, प्रो. कुमारेश प्रसाद सिंह भूतपूर्व कुलपति बी एन मंडल विश्वविद्यालय, रामायण प्रसाद भूतपूर्व सम उप कुलपति मगध विवि, जस्टिस अमरेश कुमार लाल भूतपूर्व न्यायधीश, पटना उच्च न्यायालय, डॉ कृष्ण चंद्र सिन्हा प्रिंसिपल पटना साइंस कॉलेज, प्रो तपन कुमार शांडिल्य प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ कॉमर्स, प्रो एस पी शाही प्रिंसिपल ए एन कॉलेज, प्रो. डॉ. पूर्णिमा शेखर सिंह भूगोल विभागाध्यक्ष ए एन कॉलेज आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।