जूनियर डॉक्टरों को मानने में असफल पीएमसीएच प्रशासन, जारी रहेगा हड़ताल
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल ने अबतक एक दर्जन से ज्यादा मरीजों की जान ले ली है. पीएमसीएच प्रबंधन ने जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से उत्पन्न आपातकाल से निबटने के लिए 100 डॉक्टरों की टीम की मांग की है. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीज परेशान हैं. मरीज अब पीएमसीएच से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से पीएमसीएच में अब तक 12 मरीजों की जान जा चुकी है. इन 12 मरीजों में एक मासूम भी शामिल है.
वहीं हड़ताल खत्म करने को लेकर पीएमसीएच प्राचार्य और अधीक्षक के साथ ये वार्ता रखी गई थी, जो विफल हो गई है. जानकारी अनुसार पीएमसीएच प्राचार्य और अधीक्षक ने जूनियर डॉक्टरों को मनाने की खूब कोशिश की. लेकिन जूनियर डॉक्टर हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हुए. जूनियर डॉक्टरों की माने तो अस्पताल में लगातार मरीजों के परिजनों द्वारा बदसुलूकी की जाती है, मारपीट के साथ गाली गलौज करते हैं. इसके लिए वे सुरक्षा की मांग कर रहे. लेकिन बैठक में सीनियरों द्वारा संतोषजनक आश्वासन नहीं मिल सका. इस वजह से वार्ता विफल हो गई. वार्ता विफल होने का मतलब साफ है. अभी पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी. ये खबर मरीजों के लिए काफी दुख देने वाली है.
गौरतलब है कि सोमवार को शिशु वार्ड में मरीज के परिजनों द्वारा की गई डॉक्टर की पिटाई के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने काम करना बंद कर दिया है. वार्ड में जूनियर डॉक्टर मौजूद नहीं हैं. इससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. डॉक्टरों की हड़ताल के कुछ ही देर बाद एक बच्चे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था.अबतक 12 मरीज मर चुके हैं. पीएमसीएच प्रबंधन से सरकार को त्राहिमाम सन्देश भेंज दिया है.लेकिन हालात अभी भी वैसे ही बने हुए हैं.