सुपौल जिले के इस गांव में दाने-दाने को मोहताज हैं लोग, डीलर के खिलाफ कर रहे विरोध
सिटी पोस्ट लाइव : लॉक डाउन के बाद,देश की रफ्तार थम सी गयी है। आमलोगों की आवाजाही और तमाम तरह की गतिविधियां बंद हैं इस नाजुक घड़ी और समय में बिहार सरकार ने जन वितरण प्रणाली के जरिये,गरीब लाभुकों को सरकारी राशन देने का ऐलान किया है ।लेकिन सुपौल जिले के बसबिट्टी इलाके के गरीब लोग दाने-दाने को मोहताज बने हुए हैं ।राशन नहीं मिलने से परेशान हाल और भूखे पेट सैकड़ों लाभुकों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए,डीलर के खिलाफ,जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है । बिहार का यह पहला मामला होगा,जहाँ से ऐसी बदरंग तस्वीर देखने को मिल रही है । दरअसल यंहा के लाभुकों का आरोप है कि उन्हें बीते साल 2019 के नवबर और दिसम्बर महीने का का भी राशन नहीं मिला है ।यही नहीं इन करमजलों को 2020 के जनवरी,फरवरी और मार्च महीने के राशन भी अभी तक नहीं मिले हैं ।
लगातार राशन नहीं दिए जाने से खफा हो कर,लाभुकों ने सोशल डिस्ट्रेस बनाकर एक जगह इकट्ठा हुए हैं और डीलर की मनमानी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं ।इन लोगों का साफ आरोप है,एक तो इन्हें समय पर कभी राशन नहीं मिलता है,दूजा इन्हें 7 किलोमीटर की दूरी तय कर के राशन की दुकान पर आना पड़ता है ।दबंग महिला डीलर नजराना प्रवीण लाभुकों को बिना राशन दिए ही बैरंग लौटा देती हैं । ग्रामीणों का कहना है कि इस बाबत गांव के ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन से शिकायत भी की ।लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई ।
हमने इस गम्भीर समस्या को लेकर जब सदर एसडीओ कयूमअंसारी से सवाल किये,तो उन्होंने जाँच कर, कारवाई का आश्वाशन दिया है ।सवाल उठता है आखिर सरकारी तंत्र जाँच की बात कह कर,पल्ला झाड़ने की अपनी पुरानी रिवायत को,क्यों नहीं छोड़ रहा है ? महीनों से अनाज के लिए तरस रहे इन लाभुकों को कम से कम लॉक डाउन के दौरान तो,राशन की व्यवस्था होनी ही चाहिए ।बिहार सरकार इन तस्वीरों को देखे और समझे कि उनके दावों और जमीनी हकीकत में कितने फासले हैं ।आखिर गरीबों के निवालों को डकारने वाले,ऐसे डीलरों और सम्बंधित अधिकारियों पर कब कारवाई होगी ?
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट