सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य के कृषि मंत्री बादल ने कहा है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों में जैविक प्रमाणन केंद्र की स्थापना की जाएगी। कृषि मंत्री आज रांची में खरीफ कार्यषाला के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कृषि पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों की समस्याओं समाधान के लिए जल्द ही हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह सुनिष्चित करने का निर्देष दिया कि पंद्रह अगस्त तक सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना से जोड़े। उन्होंने यह भी सुनिष्चित करने का निर्देष दिया कि कोई भी किसान इस योजना से छुटे नहीं। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में प्रत्येक वर्ष पच्चीस मई को बीज दिवस बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 महामारी के कारण काफी अधिक संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है। राज्य सरकार जल्द ही इन प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें पैकेज देने पर विचार कर रही है, जिसके लिए दो सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। कृषि मंत्री ने विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को निर्देष दिया कि किसानों को कृषि लोन के लिए प्रोत्साहित करें।
कृषि मंत्री ने कहा कि हमें बाजार समितियों को भी मजबूत करना है। हमें इसे एक नए रंग रूप में उभारना है ताकि बाजार समिति का उद्देश्य शत-प्रतिशत प्राप्त हो सके। उन्होंने कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला स्तर के कृषि पदाधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहित करें। झारखंड के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने और उन्हें उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है इसके लिये प्रत्येक जिले में जैविक प्रमाणन केंद्र खोली जायेगी। माननीय मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा वार्षिक कैलेंडर का निर्माण किया जा रहा है जिसमें कृषि कार्यों हेतु तारिख निर्धारित होंगे । अगले वर्ष से प्रत्येक वर्ष 25 मई को बीज दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र कृषि कार्य के लिए अति आवश्यक है अतः सभी किसानों तक कृषि यंत्र सुलभ हो इसे सुनिश्चित करना है। कृषि मंत्री ने सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया कि किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। राज्य सरकार जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने जा रही है, जिस पर किसान अपनी समस्याएं रख सकते हैं और उनका त्वरित निष्पादन आसानी के साथ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 महामारी के कारण काफी अधिक संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई है। राज्य सरकार जल्द ही इन प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें पैकेज देने पर विचार कर रही है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। कृषि मंत्री ने विभाग से जुड़े सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया कि किसानों को कृषि लोन के लिए प्रोत्साहित करें।
कृषि विभाग के सचिव अबुबकर सिद्दिकी पी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी कृषि कार्य जारी हे और अधिक से अधिक संख्या में लोग कृषि कार्य से जुड़ रहे हैं। हमें उन तक सही समय पर बीज वितरण सुनिश्चित करना है ताकि किसान इस समय, जिसमें बारिश भी काफी अच्छी हुई है, का सही उपयोग कर अधिक से अधिक लाभ उठा सके। उन्होंने सभी कृषि पदाधिकारियों को निदेश दिया कि जो किसान पी.एम. किसान योजना से छूट गये हैं, उन्हें भी इस योजना से आच्छादित करें। उन्होंने कहा कि केसीसी अभियान चल रहा है इसे इस महीने के अंत तक पूरा करना सुनिश्चित करें। बैंक से समन्वय स्थापित कर किसानों को कृषि लोन दिलाने का प्रयास करें। अधिकारी फिल्ड का भ्रमण करें. किसानों से संपर्क स्थापित कर उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि खेती के दृष्टिकोण से किसानों के लिये आने वाले दो-तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं हमें इसका ध्यान रखकर कार्य करना हैं समय को बर्बाद न करें। कृषि निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि राज्य के किसानों को लाभ पंहुचाने के उद्देश्य से खरीफ कार्यशाला 2020 का आयोजन किया गया है। हमें इस समय का भरपूर लाभ किसानों को दिलाना है। खरीफ कार्यशाला 2020 के अवसर पर पशुपालन निदेशक नैंसी सहाय, निबंधक सहयोग समितियां मृत्युजंय कुमार वर्णवाल, निदेशक उद्यान वरुण रंजन सहित विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।