इतिहास पुनः लिखने की आवश्यकता, शहीद सिदो कान्हू जैसे महापुरुषों को नहीं मिला उचित स्थान : राज्यपाल

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इतिहास पुनः लिखने की आवश्यकता, शहीद सिदो कान्हू जैसे महापुरुषों को नहीं मिला उचित स्थान : राज्यपाल

सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: हूल दिवस केवल संताल परगना में ही नहीं पूरे राज्य में धूमधाम से मनाना चाहिए। संताल परगना में इस धरती के महानायक सिदो-कान्हू, चांद- भैरव, फूलो-झानो को लोग विशेष रूप से याद करते हैं। लेकिन हूल दिवस को पूरे राज्य एवं देश मे मनना चाहिए। 1857 स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई मानी जाती है, लेकिन 30 जून 1855 में साहिबगंज जिले के भोगनाडीह से स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई का बिगुल बजा था। इसलिये इतिहास को एक बार पुनः लिखने की जरूरत है। इतिहास में शहीद सिदो कान्हू को उचित स्थान नहीं दिया गया। उनके शौर्य गाथा का आंशिक रूप से उल्लेख किया गया। इसलिए मेरा मानना है कि इतिहास एक बार फिर लिखने की आवश्यकता है। यह बात 164 वां हूल दिवस पर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सह द्रोपदी मुर्मू ने कहीं। राज्यपाल ने कहा कि सिदो कान्हु ने ‘‘करो या मरो’’ का नारा दिया था। सिदो कान्हू ने लोगों को मानव संपदा के लिए जागरूक किया था। जिस प्रकार सीमा पर सेना देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं, ठीक उसी तरह उन्होंने आम जनता को भी अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा भाव से कार्य करने के लिये प्रेरणा स्रोत बनने कहा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों, कार्यालयों में हूल दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम गीत-संगीत के माध्यम से सिदो कान्हू के वीर गाथा का आयोजन किया जाना चाहिए। जिससे उनकी वीर गाथा को अधिक से अधिक लोग जान सके। कुलाधिपति ने कहा कि अनुशासन किसी भी संस्थान के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्र-छात्र जहां भी जाये देश विदेश में अपने आचरण एवं अनुशासन से अपने कार्य स्थल पर कर्मों को प्रदर्शित करने की अपील की। छात्रों में राष्ट्रप्रेम की भावना प्रबल हो, तभी राष्ट्र एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को सिर्फ डिग्री देने का स्थान नहीं बनाना चाहिए। छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने स्वागत भाषण में कहा कि जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन मिलकर विश्वविद्यालय को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के सभी सहकर्मियों का प्रयास यही है कि विश्वविद्यालय को एक नई दिशा दी जाए। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू, चांद-भैरव फूलों-झानो की भूमि में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी को बेहतर समाज के निर्माण के लिए अपने-अपने स्तर से कार्य करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि के तौर पर समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी, सांसद सुनील सोरेन, डीआईजी राजकुमार लकड़ा, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनोरंजन प्रसाद सिन्हा, डीडीसी वरुण रंजन, एसपी वाई एस रमेश ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘‘काॅफी टेबल बुक’’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत कार्यक्रम सम्मानित अतिथियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल सह कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित दिग्घी में नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया।

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