5 करोड़ की लागत से बना था मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन, 2 वर्ष में तीसरी बार टूटा

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की सीलिंग विश्वविद्यालय की स्थापना के 26 माह के अंदर तीसरी बार टूट कर नीचे गिर गया। इसके बाद इसकी मरम्मत के लिए कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिख इसका शीघ्र मरम्मत करने को कहा है। विदित हो कि मार्च 2018 में मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना होने के बाद कुछ दिन तक विश्वविद्यालय का कार्यालय आरडी एंड डीजे कालेज के विज्ञान भवन स्थित बीसीए लैब में संचालित किया गया।

इसके बाद राजभवन के द्वारा आरडी एंड डीजे कालेज परिसर में बने परीक्षा भवन में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन को शिफ्ट करने से पहले इसके मॉडिफिकेशन का कार्य बीएसईआईडीसी को सौंपा। इस मॉडिफिकेशन पर कुल 5 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद बीएसईआईडीसी के द्वारा इस भवन को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के रुप में तैयार किया गया। लेकिन इसमें पानी के रिसाव के कारण छत में लगाई गई सीलिंग कई स्थानों पर कमजोर होकर लगातार टूट रही है।

पूर्व में भी एक बार भूतल पर तथा एक बार प्रथम तल पर प्रोवीसी के लिए तैयार किए गए कक्ष के पास टूट कर गिर गया था। जिसकी बाद में मरम्मत कराई गई थी। इस बार भी सीलिंग भूतल पर स्थित लेखा शाखा के बाहर लगभग दो मीटर के क्षेत्र में टूट गई है। इसको लेकर कुलसचिव ने बीएसईआईडीसी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिख इसका मरम्मत कराने को कहा है।

क्या लिखा है कुलसचिव ने अपने पत्र में

कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बीएसईआईडीसी के प्रबंध निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की छत से लगाई गई सीलिंग वर्षा के कारण कई स्थानों पर टूट गई है। इस संबंध में आपके संवेदक एवं कार्यपालक अभियंता को लिखवाया जा चुका है। जिसमें वर्षा के कारण छत में हुआ रिसाव, प्रत्येक बारिश के मौसम में फाल्स सीलिंग की क्षति, खिड़की से बारिश के पानी का रिसाव, खिड़की एवं दरवाजे को खोलने एवं बंद करने में परेशानी के अलावा बिजली के वायरिंग की फिटिंग में गड़बड़ी आदि शामिल है।

कहते हैं कुलसचिव

विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की छत से पानी का रिसाव होता है। जिसके कारण फाल्स सीलिंग टूट-टूट कर गिर रहा है। खिड़की से भी पानी कमरे में प्रवेश कर जाता है। परीक्षा विभाग, कुलसचिव कक्ष सहित अन्य कमरे में बारिश का पानी प्रवेश कर जाता है। जिसे दुरुस्त कराने के लिए बीएसईआईडीसी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा गया है।

मुंगेर से अभिषेक कुमार की रिपोर्ट

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