सिटी पोस्ट लाइव, रांची: देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर चर्चा में है। निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि मेरे ऊपर झूठा पांच केस करने के लिए चुनाव आयोग से देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बिना शर्त माफी मांग कर अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक स्क्रीन शॉट भी लगाया है, जो कि देवघर डीसी की तरफ से चुनाव आयोग को दिए गये 15 पन्नों के जवाब की आखिरी चार पंक्तियां हैं। डीसी ने इस मुद्दे पर जो जवाब दिया है। सांसद निशिकांत की तरफ से लिखे गए पोस्ट पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि डीसी ने बिना शर्त चुनाव आयोग से माफी मांगी है, जबकि देवघर डीसी ने जो जवाब दिया है, उसमें सांसद निशिकांत पर गंभीर आरोपों का हवाला दिया गया है। डीसी ने 15 पन्नों की चिट्ठी की आखिरी पंक्तियों में जो लिखा है, उससे इतर उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष पूरे मामले में कई बातें लिखी हैं।
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने गोड्डा सांसद पर देवघर के पांच थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। इसपर भाजपा की तरफ से चुनाव आयोग से शिकायत की गयी। शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने डीसी को अपना जवाब रखने को कहा। डीसी से सांसद पर एफआईआर करने की वजह पूछी गयी। जवाब में छह मामलों का हवाला देते मंजूनाथ भजंत्री ने कहा है कि देर से एफआईआर कराना कहीं से भी गैरकानूनी नहीं है। छह मामलों में से पांच मामलों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला डीसी ने दिया है।
सारा मामला मधुपुर उपचुनाव को लेकर था लेकिन देवघर डीसी ने मधुपुर विधानसभा के बाहर भी सांसद पर एफआईआर दर्ज करायी है। चुनाव आयोग ने इस बाबत डीसी ने पूछा है कि विधानसभा से बाहर क्यों सांसद पर एफआईआर हुई? इसके जवाब में डीसी ने आचार संहिता के नियमों का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है कि उपचुनाव भले ही एक ही विधानसभा में हुआ हो लेकिन आचार संहिता पूरे जिले में लागू होती है कि ना कि सिर्फ विधानसभा क्षेत्र में।
अपने जवाब में देवघर डीसी ने लिखा है कि चुनाव के दौरान उनकी जगह नैंसी सहाय को देवघर का डीसी बनाया गया। दो मई को मतगणना हुई। उसके बाद चार मई फिर से उन्हें देवघर डीसी का पद मिला। उन्होंने मामले को लेकर तमाम अधिकारियों को रिपोर्ट जमा करने को कहा। इसके साथ कोविड का दूसरा फेज आ गया। देश के हर जिले की तरह देवघर भी कोविड की चपेट में था। स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रशासन का फोकस था। साथ ही अधिकारियों ने रिपोर्ट देने में देरी की। कोविड के थमने के बाद डीसी की तरफ से दोबारा समय सीमा में जवाब देने के लिए अधिकारियों को लिखा गया, जिसके बाद सांसद पर एफआईआर की गयी।
उल्लेखनीय है कि 17 अप्रैल, 2021 को देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा का उपचुनाव हुआ था। इस दाैरान भाजपा ने देवघर डीसी पर सत्ताधारी झामुमो के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। इसी मामले में उपचुनाव के बाद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर जिले के विभिन्न थानों में चुनाव अचार संहिता उल्लंघन को लेकर पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुई। इसके खिलाफ भाजपा चुनाव आयोग में पहुंच गई।
चुनाव आयोग द्वारा देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद द्वारा जारी पत्र के तहत उपायुक्त से दस दिन के अंदर अपना जवाब समर्पित करने को कहा गया था। यह मामला काफी गंभीर बनता जा रहा था। 11 नवंबर को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने आयोग को पत्र भेजकर बिना शर्त माफी मांगी। सांसद डा. निशिकांत दुबे ने उपायुक्त द्वारा आयोग को भेजे स्पष्टीकरण के पत्र को अपने फेसबुक पर साझा किया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि छह माह बाद क्यों मामला दर्ज किया गया।
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