फॉरेस्ट क्लीयरेंस में फंसा है 10 से अधिक ट्रांसमिशन लाइन का काम
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य में 10 से अधिक बड़े ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन का काम फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने से लटका हुआ है। सबसे अहम बात है कि ग्रिड बनकर तैयार हैं, लेकिन हाइटेंशन ट्रांसमिशन लाइन खिंचे जाने का काम अटका पड़ा है। यह सारी योजनाएं राज्य के बिजली नेटवर्किंग सिस्टम को ठीक करने के लिए बड़ी योजना है। इसे लेकर मुख्यमंत्री स्तर पर दो चरण की बैठक की जा चुकी है। जिसमें सारे फॉरेस्ट अफसर एवं डीसी को आपसी तालमेल बनाकर लंबित सारे मामलों को जल्द से जल्द निष्पादन करने का निर्देश दिया गया है।
तीसरा सर्किट तेनूघाट-गोविंदपुर तैयार हो जाएगा
अभी टीवीएनएल की एक लाइन बिहार शरीफ जाती है। जहां से ट्रांसमिट करके बिजली संथाल परगना आती है। अगर, गोविंदपुर एवं देवघर-गिरिडीह ग्रीड-ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा हो जाए तो पूरे संथाल परगना का बिजली संकट दूर हो सकता है। अभी तेनुघाट की दो सर्किट है। एक तेनुघाट-बिहार शरीफ और दूसरा तेनुघाट-पतरातू सर्किट। इन लाइनों के बन जाने से तीसरा सर्किट तेनूघाट-गोविंदपुर तैयार हो जाएगा। इसके बार बिहार शरीफ से बिजली ट्रांसमिट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लोहरदगा-बुढ़मू ट्रांसमिशन लाइन शुरू होने से घटेगा रांची का लोड
लोहरदगा एवं बुढ़मू ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन शुरू हो जाने के बाद रांची का लोड घट जाएगा। अभी हटिया ग्रिड-दो से लोहरदगा बिजली भेजी जाती है। खूंटी जिले को सीधे चांडिल वाया तमाड़ लाइन से जोड़ने की योजना है। इसके बाद खूंटी भी हटिया और नामकुम से बिजली भेजनी नहीं पड़ेगी।
पलामू में बिजली संकट भी होगा दूर
डालटनगंज-गढ़वा व चतरा-लातेहार ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा हो जाने के बाद पूरे पलामू क्षेत्र का बिजली संकट दूर हो सकता है। अभी वाया संथाल परगना एवं वाया रांची इस क्षेत्र में बिजली भेजनी पड़ती है।
ये योजनाएं अटकी हुई हैं
- चतरा-लातेहार ग्रिड-ट्रांसमिशलन लाइन
- खूंटी-तमाड़ ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- डालटनगंज-गढ़वा ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- गुमला-सिमडेगा ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- गोविंदपुर-दुमका ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- गोड्डा-दुमका ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- गिरिडीह-जमुआ ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- जसीडीह-मधुपुर ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- बहरागोड़ा-ढालभूमगढ़ ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- लोहदगा-गुमला ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन
- बुढ़मू-पतरातू ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन